गये थे हरी भजन को ओटन लगे कपाल

एस.पी.सक्सेना/बोकारो। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (Central Industrial Security Force) का बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में बेरमो कोयलांचल में तैनाती का उद्देश्य यहां से कोयला व् लोहा चोरी पर अंकुश लगाना है।

बावजूद इसके बल द्वारा चोरी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है, उल्टे आम जनमानस के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। वर्तमान स्थिति यह है कि सीआईएसएफ (CISF) वाले जहां रहते हैं वहां के नागरिकों को जीना दूभर कर देते हैं।

ग्रामीणों को अपमानित करना, उन्हें परेशान करना इनकी दिनचर्या में शामिल हो गया है। उक्त बातें भाकपा माले नेता विकास सिंह ने 7 जनवरी को कही।

उन्होंने कहा कि बीते 6 जनवरी को बेरमो कोयलांचल के गाँधीनगर काली मंदिर के समीप पूजा सामग्री बेचने वाले मनोरंजन प्रसाद गुप्ता स्थानीय एक बच्चे को साथ लेकर एक व्यक्ति के घर का पता लगाने जा रहे थे। जिसके पास गुप्ता का बकाया पैसा था।

संयोगवश उक्त बच्चा सीएसएफ (CSF) जवान का पुत्र था। जिससे अनावश्यक विवाद हो गया। गुप्ता पर उक्त बच्चे के अपहरण का आरोप लगाया गया। सूचना पाकर स्थानीय महिला पत्रकार अल्का मिश्रा ने पहुंचकर सीएसएफ जवान की गलतफहमी दूर करने की भरसक कोशिश की।

बावजूद इसके जवान सहित अन्य सीएसएफ जवान तैस में आ गए। खबर मिलते हीं दूसरी तरफ से आसपास के ग्रामीण जुटकर सीएसएफ विरोध में खड़े हो गये। बताया जाता है कि गाँधीनगर पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो सका।

ज्ञात हो कि कुरपनीयां निवासी मुखिया जी के नाम से प्रचलित मनोरंजन प्रसाद गुप्ता भाकपा माले में कर्मठ कार्यकर्ता के अलावा विवादों से कोसो दूर रहते हैं। और वे गलत का प्रखर विरोधी माने जाते हैं। पत्रकार मिश्रा के अनुसार साड़ी वर्दी में सीएसएफ जवान ने अपना नाम न बताकर उल्टे धौंस दिखाने का प्रयास किया।

इस संबंध में स्थानीय निवासी अरुण रवानी ने बताया कि सीएसएफ द्वारा पहले भी मुखिया जी को परेशान किया गया है। जिससे उनकी दुकान को वहां से हटाने की असफल कोशिश की गयी थी। जिसमें आरवाईए के हस्तक्षेप के बाद सीएसएफ को अपना पैर पीछे खींचना पड़ा था।

स्थानीय रहिवासी आरके दास ने बताया कि उक्त घटना केवल मुखिया जी को बदनाम करने की साजिश है, ताकि उसके दुकान को खाली कराया जा सके। उन्होंने बताया कि एक बार पहले भी सीएसएफ अधिकारी के तरफ से कुत्सित प्रयास को मुखिया जी द्वारा तीखा विरोध किये जाने पर सीएसएफ को मुंह की खानी पड़ी थी।

दास के अनुसार विरोध के साथ-साथ दोषी सीएसएफ वालो पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए, ताकि भविष्य में कभी भी इस तरह अधिकारी द्वारा रैयतों को धमकाने, पावर, पैसा के दम पर किसी नागरिक को बेवजह परेशान न कर सके।

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