सभी उपायुक्त कैलेंडर बना कर कार्यों का करें निपटारा-मुख्य सचिव

रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। झारखंड के मुख्य सचिव अलका तिवारी ने जिला स्तर पर विभिन्न कारणों से योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं का समाधान समन्वय बना कर करने का निर्देश दिया है। उन्होंने राज्य के तमाम उपायुक्तों को कहा है कि वे कैलेंडर बना कर कार्यों का निपटारा करें। कैलेंडर के अनुसार विभिन्न मसलों से जुड़ी बैठकें करें। उसकी रिपोर्ट ससमय विभागों को दें। इससे जहां योजना क्रियान्वयन में गति आएगी वहीं विभागों को भी सहूलियत होगी।

उन्होंने कहा कि योजनाओं के बाधित होने से उसमें खर्च हुई राशि का लाभ भी राज्य को नहीं मिल पाता है। इसलिए योजनाओं का भौतिक निरीक्षण करते हुए आ रही समस्या के समाधान पर फोकस करें। मुख्य सचिव तिवारी 20 फरवरी को विभिन्न विभागों की उन योजनाओं की समीक्षा कर रही थीं, जो जिला स्तर पर इस या उस कारण से बाधित हैं अथवा लेट लतीफी के शिकार हैं।

मुख्य सचिव की समीक्षा में यह उजागर हुआ कि अधिकांश योजनाओं की प्रगति 70 से 80 प्रतिशत तक हो चुकी है। बाकी बचे काम को पूर्ण करने में रुकावटें आ रही हैं। मुख्य सचिव ने नगर विकास विभाग की रांची शहरी सीवरेज स्कीम, वाटर सप्लाई स्कीम और पम्पिंग स्टेशन के क्रियान्वयन में जमीन को लेकर आ रही समस्या का समयबद्ध तरीके से समाधान का निर्देश दिया।

बैठक में रांची के उपायुक्त ने अधिकांश मामले में समाधान होने की जानकारी दी। इसी क्रम में रामगढ़, धनबाद, कोडरमा, साहिबगंज, सरायकेला-खारसावां, पश्चिमी सिंहभूम, पलामू और बोकारो में शहरी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और वाटर सप्लाई योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए जमीन की समस्या सामने आयी। मुख्य सचिव द्वारा उपायुक्तों को विशेष पहल कर जमीन की उपलब्धता ससमय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से बताया गया कि नल से जल योजना द्वारा प्रत्येक घर को जोड़ने और शौचालय बना गांवों को ओडीएफ घोषित करने की स्थिति लगभग अंतिम चरण में है, लेकिन गांवों में चार-पांच घरों के इस योजना से आच्छादित नहीं होने से योजना अपूर्ण रह जाती हैं। मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को अतिरिक्त रुचि लेकर इस कार्य को यथाशीघ्र संपन्न कराने को कहा।

उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से बताया गया कि विभिन्न जिलों में डिग्री कॉलेज, पोलिटेक्निक कॉलेज और राजकीय अभियंत्रण कॉलेज निर्माण के लिए जमीन की समस्या बनी हुई है। मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को संबंधित विभाग से समन्वय बनाते हुए जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा क्वालिटी एजुकेशन के लिए संपर्क फाउंडेशन की सहायता से चयनित स्कूलों में उपलब्ध कराए गये संसाधन के समुचित उपयोग पर बल देते हुए कहा कि यह राज्य के हित में होगा।

कृषि विभाग से जुड़ी पीएम किसान योजना, बिरसा ग्राम सह समेकित पाठशाला, बिरसा-पीएम फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, आइसीडीपी एवं डीसीडीसी की समीक्षा के दौरान पाया गया कि फसल बीमा योजना के लिए वास्तविक जमीन से अधिक जमीन पर बीमा का आवेदन दिया गया है। इस मसले को लेकर मुख्य सचिव ने आवेदनों की जांच करते हुए अनधिकृत दावे को खारिज करने का निर्देश दिया।

वहीं मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत लाभुकों को पशु देने के साथ उसका बीमा भी सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही कृषि से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की कार्य प्रगति की समीक्षा के लिए जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमिटी और डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कमिटी की नियमित बैठक करने का निर्देश उपायुक्तों को दिया।

जल संसाधन विभाग की राज्य में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान पाया गया कि अधिग्रहित भूमि पर अतिक्रमण, फॉरेस्ट क्लियरेंस, स्थानीय विवाद, भूमि अधिग्रहण, मुआवजा इत्यादि को लेकर योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। मुख्य सचिव ने सभी संबंधित उपायुक्तों को निर्देश दिया कि योजनाओं के सुचारू संचालन के लिए प्रशासनिक स्तर से बाधा को दूर कराएं। इसके अतिरिक्त राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग और ऊर्जा विभाग की जिलों से जुड़ी समस्याओं की भी समीक्षा की गयी और उपायुक्तों को यथोचित निर्देश दिए गए।

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