मुश्ताक खान/ मुंबई। आज कल सोशल मीडिया पर 10 साल पुरानी फोटो का मौजूदा फोटो से तुलना करने का जबरदस्त क्रेज चल पड़ा है। ऐसे में हमने सोचा कि क्यों न पत्रकारिता कोश (Patrakarita Kosh) के 18 साल के सफर को आपके सामने प्रस्तुत किया जाए। जिसका साक्षी खुद जगत प्रहरी रहा है। साल 2001 में जब इस वार्षिक डायरेक्टरी की शुरुआत हुई थी तो इसमें 160 पेज थे। बीते 18 सालों में भारत की यह प्रथम मीडिया डायरेक्टरी ने अपने आपको सजाया है, संवारा है और खुद को इतना समृद्ध बनाया है कि साल 2019 में इसकी पेजों की संख्या 704 तक पहूंच गई।
यानी लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में समाहित होने के साथ-साथ 2001 की तुलना में पत्रकारिता कोश (Patrakarita Kosh Media directory) काफी तंदुरूस्त भी हुआ है। याद आता है वो समय जब इस डायरेक्टरी की संकल्पना बनाई जा रही थी और मामला इस बात पर आकर थम गया कि आखिर इसका नामकरण क्या किया जाए।
इसके शुरुआती संस्थापकों में श्री आफताब आलम (Aftab Alam), ए. एन. अजीजी, अश्विनी मिश्र, मुश्ताक खान, राजेश विक्रांत, अखिलेश मिश्र आदि ने काफी सोच समझकर और एकमत होकर इसका नाम रखा ”पत्रकारिता कोश”। कहना न होगा कि तब से आज तक इस डायरेक्टरी ने न सिर्फ एक मुकाम हासिल कर लिया है, बल्कि यह कोश बड़े- बड़े मीडिया संस्थाओं और कॉरपोरेट हस्तियों का एक अभिन्न अंग बन चुका है। जगत प्रहरी की ओर से इस डायरेक्टरी और टीम को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं।
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