साभार/ जकार्ता। इंडोनेशिया के ज्वालामुखी द्वीप सुंडा में सुनामी का कहर रविवार को फिर देखने मिला। समुद्र के नीच चट्टानें खिसकने से आई सुनामी ने इस बार 168 लोगों की जान ले ली और इस घटना में 600 लगों के घायल होने की खबर है। बता दें कि रिंग ऑफ फायर में स्थित होने के कारण इंडोनेशिया में दुनिया में सबसे अधिक भूकंप और सुनामी आते हैं।
इंडोनेशिया की सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार रात को आई सुनामी की वजह से तटीय क्षेत्र में बनी दर्जनों इमारतें मिट्टी में मिल गई। मेट्रोलॉजी एवं जियो फिजिक्स एजेंसी ने बयान जारी कर कहा कि इस सुनामी की वजह समुद्र के भीतर चट्टानों का खिसकना हो सकता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस द्वीप का निर्माण क्राकाटाओ ज्वालामुखी के लावा से हुआ है। इस ज्वालामुखी में आखिरी बार अक्टूबर में विस्फोट हुआ था।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि समुद्र से 15 से 20 मीटर ऊंची लहरें उठती देखी गई। फिलहाल द्वीप पर राहत और बचाव का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसी साल सुलवेसू द्वीप में आए भूकंप और सुनामी की तबाही में 800 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
दुनिया में पृथ्वी की सतह पर सक्रिय ज्वालामुखियों में से आधे इसी इलाके में पड़ते हैं। इस कारण इस इलाक़े को रिंग ऑफ फायर या आग का गोला भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में हर साल भूकंप और सुनामी से भारी क्षति होती है। साल 2004 में इंडोनेशिया में आए भूकंप की वजह से पैदा हुई सुनामी ने हिंद महासागर के तटों पर भारी तबाही मचाई थी। इस प्राकृतिक आपदा में सवा दो लाख से अधिक लोग मारे गए थे।
333 total views, 2 views today