लंबे इंतजार के बाद दिल्ली को मिला ‘सिग्नेचर ब्रिज’

साभार/ नई दिल्ली। दिल्ली को आज एक नई पहचान मिलने वाली है। वजीराबाद में यमुना नदी पर सिग्नेचर ब्रिज बनकर तैयार हो गया है। आज शाम चार बजे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। सिग्नेचर ब्रिज को लेकर सियासत भी अपने चरम पर है। दिल्ली सरकार ने ब्रिज के उद्घाटन के कार्यक्रम में ना तो दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को न्योता दिया है ना ही इलाके के सांसद मनोज तिवारी को बुलाया है।

इसके बाद मनोज तिवारी ने एलान कर दिया है कि वो बिना निमंत्रण के भी जाएंगे। मनोज तिवारी का कहना है कि वो सीएम केजरीवाल से पहले सिग्नेचर ब्रिज पर पहुंचेंगे और हरियाणा घूमकर लौट रहे मुख्यमंत्री को रिसीव करेंगे। मनोज तिवारी के हमले पर डिप्टी सीएम सिसोदिया का पलटवार भी आया है।सिसोदिया ने कहा कि कार्यक्रम में पूरी दिल्ली को आने का न्योता दिया गया है अलग से निमंत्रण देने की जरूरत नहीं है। सिसोदिया ने बीजेपी पर ब्रिज के निर्माण में अडंगा लगाने का भी आरोप लगाया।

बता दें कि सिग्नेचर ब्रिज को बनने में 14 साल लगे हैं और करीब 1500 करोड़ रुपये का खर्च आया है। 2007 में शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं तभी इस ब्रिज को बनाने का फैसला हुआ था। आज चौदह साल बाद आम आदमी पार्टी की सरकार ब्रिज को बनाने का काम खत्म कर रही है। ये ब्रिज अपनी खूबसूरती और अनोखे डिजाइन के लिए चर्चा में है। इस ब्रिज के खुलने से उत्तर और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के लोगों को ट्रैफिक जाम से काफी हद तक निजात मिल जाएगी।

विषम डिजाइन वाला यह भारत का पहला केबल ब्रिज है। इसकी नदी के तल से ऊंचाई 165 मीटर यानि 541 फीट है। ये कुतुब मीनार से लगभग दोगुना ऊंचा है, इसकी लंबाई 675 मीटर है। सिग्नेचर ब्रिज का मुख्य आकर्षण 154 मीटर ऊंचा पिलर है जो दूर से नमस्कार की मुद्रा में दिखाई देता है। ब्रिज को स्टील के 19 केबल से संतुलित किया गया है। 154 मीटर की ऊंचाई पर ग्लास बॉक्स बना है, जहां तक लोग लिफ्ट से पहुंच सकेंगे और दिल्ली के टॉप व्यू का नजारा ले सकेंगे। एक बार में पचास लोग इस ग्लास बॉक्स में आ सकते हैं। ब्रिज पर कुल आठ लेन हैं, पैदल और साइकिल सवार के लिए अलग लेन बनाई गई है।

सिग्नेचर ब्रिज से जुड़ी खास बातें…

  • ऊंचाईः कुतुब मीनार से दोगुनी
  • लंबाईः करीब 700 मीटर
  • चौड़ाई: 35.2 मीटर(4+4 लेन)
  • ब्रिज पर 19 स्टे केबल्स
  • ब्रिज पर पायलोन की ऊंचाई 154 मीटर, जहां से दिखेगा दिल्ली का टॉप व्यू
  • लागतः 1518.37 करोड़ रुपये
  • बार-बार डेडलाइन बदली, बढ़ती गई लागत
  • 13 साल पहले बनी थी इस ब्रिज की योजना
  • 2010 CWG से पहले तैयार होना था ब्रिज
  • टूरिस्ट स्पॉट बन सकता है सिग्नेचर ब्रिज
  • पुल पर होंगे कई सेल्फी स्पॉट 

 


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