साभार/ नई दिल्ली। दस्तावेज जमा कराने को लेकर की जा रही आम्रपाली ग्रुप द्वारा हीलाहवाली पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा ऐक्शन लिया है। शीर्ष कोर्ट के आदेश पर आम्रपाली ग्रुप के तीन डायरेक्टरों को पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दस्तावेज देने तक तीनों लोग पुलिस की हिरासत में रहेंगे। आम्रपाली रियल एस्टेट ग्रुप के डायरेक्टरों अनिल कुमार शर्मा, शिव प्रिया और अजय कुमार को पुलिस कस्टडी में भेजा गया है। आपको बता दें कि आम्रपाली ग्रुप के अधूरे पड़े प्रॉजेक्टों के चलते बड़ी संख्या में निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने डिवेलपर को चेतावनी देते हुए कहा, ‘वह कोर्ट से लुका छिपी का खेल न खेले। अब जब तक दस्तावेज नहीं दिए जाते, आप पुलिस की हिरासत में रहेंगे।’ इससे पहले कोर्ट ने रियल एस्टेट कंपनी की ओर से पेश वकील से पूछा कि फरेंसिक ऑडिट से संबंधित दस्तावेजों को अब तक ऑडिटरों के पास जमा क्यों नहीं कराया गया?
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने DRT (ऋण वसूली ट्राइब्यूनल) को आम्रपाली की 16 संपत्तियों की नीलामी या बिक्री का आदेश दिया था। अनुमान लगाया गया कि संपत्तियों की बिक्री से 1600 करोड़ रुपये इकट्ठा हो सकते हैं। कोर्ट ने कहा था कि वह तय करेगा कि कैसे इस रकम का इस्तेमाल अधूरे प्रॉजेक्ट को पूरा करने में होगा। कोर्ट ने आम्रपाली के डायरेक्टरों को सभी संबंधित दस्तावेजों को डीआरटी को जमा कराने को कहा था। कोर्ट ने फॉरेंसिक ऑडिटर को भी निर्देश दिया था कि वह 60 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपे कि रकम का गबन कैसे हुआ?
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह की ठप पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने वाले बिल्डर का चयन करने के लिए एनबीसीसी लिमिडेट को निविदाएं पेश करने (टेंडर देने) की अनुमति दे दी थी। उच्चतम न्यायालय ने एनबीसीसी से 60 दिन के अंदर लंबित पड़ी परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।
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