साभार/ नई दिल्ली। कर्नाटक में सत्ता के खेल में बीजेपी के हाथों मात खा रही कांग्रेस को अब वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी का साथ मिला है। जेठमलानी ने बीजेपी को सरकार बनाने की अनुमति देने के मामले में गवर्नर वाजुभाई वाला के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इसके साथ ही कहा कि राज्यपाल नरेन्द्र मोदी के इशारे पर काम कर रहे हैं।
जेठमलानी ने कहा कि मोदी के कहने पर राज्यपाल वाजुभाई वाला ने ये फैसला लिया है। राज्यपाल ने ये भी नहीं बताया कि उन्होंने किस आधार पर बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। जेठमलानी का तर्क है कि गवर्नर ने अपनी संवैधानिक शक्तियों का दुरुपयोग किया है। वहीं मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने इस मामले के लिए बेंच गठित कर दी है और शुक्रवार सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई होगी।
जेठमलानी ने कहा, “गवर्नर का आदेश संवैधानिक शक्ति का एक गंभीर दुरुपयोग है और इसकी वजह से गवर्नर ऑफिस अपमानित हुआ है।” कर्नाटक के गवर्नर वाजुभाई वाला ने बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया और बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया। कांग्रेस समेत कई लोग गवर्नर के इस फैसले की आलोचना की। कांग्रेस ने येदुरप्पा के शपथ ग्रहण के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर रात को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने येदुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से मना कर दिया लेकिन कोर्ट ने कहा कि शुक्रवार को कोर्ट के फैसले के बाद ही ये तय होगा कि राज्य में कौन सरकार बनाएगा। कोर्ट ने बीजेपी को शुक्रवार तक बहुमत के लिए जरूरी 112 विधायकों का नाम बताने को कहा है। फिलहाल ये अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बीजेपी सदन में बहुमत कैसे साबित करेगी। बीजेपी के पास 104 विधायक हैं। वहीं जेडीएस, कांग्रेस और दो अन्य विधायकों को मिलाकर गठबंधन के पास 118 सीटें हैं।
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