पटना। जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव अब खुलकर सीएम नीतीश कुमार के विरोध में आ गए हैं। बिहार में महागठबंधन टूटने और फिर बीजेपी के साथ सरकार बनाने के नीतीश कुमार के फैसले से खफा शरद यादव आज से बिहार दौरे पर हैं। जहां अगले तीन दिनों तक वह सात ज़िलों में घूम-घूमकर लोगों से बात करेंगे। शरद ने सीधे शब्दों में कहा, ‘गठबंधन हमने पांच साल के लिए किया था। 11 करोड़ लोगों का विश्वास टूटा है।’
बता दें कि शरद यादव बीते काफी वक्त से नीतीश के फैसले से नाराज थे। आरजेडी से रिश्ता खत्म कर बीजेपी के साथ जेडीयू के गठबंधन से खुश नहीं हैं। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि शरद यादव की यात्रा के बाद इस मसले पर कोई बड़ा ऐलान हो सकता है। शरद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह अब भी पुराने गठबंधन के साथ हैं।
शरद ने कहा, ‘जिस जनता ने गठबंधन बनाया था, जिस जनता से हमने जो करार किया था, वो ईमान का करार था। वो टूटा है जिससे हमको तकलीफ हुई है।’ शरद ने आगे कहा कि चुनाव में एक मेनिफेस्टो जेडीयू का था, जब एक मेनिफेस्टो बीजेपी का। जेडीयू लीडर के मुताबिक, 70 साल के इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं मिलता, जहां दो पार्टी या गठबंधन जो चुनाव में आमने-सामने लड़े हों और जिनके मेनिफेस्टो अलग-अलग हों, दोनों के मेनिफस्टो मिल गए हों। शरद ने कहा कि लोकशाही में विश्वास का संकट है और इस मुद्दे पर वह जनता के बीच जाकर बात करेंगे।
बता दें कि शरद की नीतीश से नाराजगी नई सरकार के गठन के बाद से ही चली आ रही है। टि्वटर पर भी वह सत्ताधारी बीजेपी की अगुआई वाली केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे हैं। चुनाव आयोग द्वारा बीजेपी की दरख्वास्त खारिज करते हुए कांग्रेसी विधायकों के राज्यसभा चुनाव में वोट कैंसल करने के फैसले की शरद ने जमकर तारीफ की। वह यहीं नहीं रुके, एक के बाद एक कई ट्वीट करके सरकार की नीतियों की भी आलोचना की। शरद मोदी सरकार के खिलाफ तो मुखर रहे हैं, लेकिन सीएम नीतीश कुमार को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। आने वाले दो-तीन दिनों में उनके रुख में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
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