काली-पीली टैक्सी बन जाएगी इतिहास

संवाददाता/ मुंबई। पिछले 55 साल से मुंबई की सड़कों पर शान से दौड़ती रही काली-पीली पद्मिनी टैक्सी (Kali-Pili Padmini Taxi) जल्द ही इतिहास बन जाएगी। एक समय मुंबई की जान कही जाने वाली यह टैक्सी बंद होने वाली है। आइकॉनिक इंडो-इटालियन मॉडल की प्रीमियर फिएट 1100 वर्जन टैक्सी 1964 में मुंबई की सड़कों पर उतारी गई थी। लॉन्च के एक साल बाद इसका नाम बदलकर प्रीमियर प्रेसिडेंट रख दिया गया। उसके पहले दिल्ली, कलकत्ता की तरह मुंबई में भी भारी-भरकम एम्बेसेडर का क्रेज था। इसके बाद 1974 में इसका एक बार और नामकरण हुआ और इस बार यह बन गई प्रीमियर पद्मिनी। इस टैक्सी की पॉपुलैरिटी 70 और 80 के दशक में आसमान पर पहुंच गई। 90 के दशक में 63,200 रिकॉर्ड टैक्सी ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में रजिस्टर हुई थी।

समय के साथ इस टैक्सी में परिवर्तन न होने से साल 2000 में इसका प्रोडक्शन बंद हो गया था। इसके बाद से लगभग 50 टैक्सी ही मुंबई के सड़कों पर चल रही हैं और अब अगले साल यानी जून 2020 में पूरी तरह से सड़कों से यह टैक्सी हट जाएगी। इस टैक्सी को बॉलीवुड की कई फिल्मों में दिखाया गया है। वर्ष 2000 में निर्माण बंद होने के बाद भी मुंबई में करीब 3000 टैक्सी चलती रही, जिनकी संख्या अब घटकर 50 रह गई है। यह 50 प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी भी जून 2020 तक बंद कर दी जाएंगी।

साल 2013 में सरकार ने प्रदूषण के चलते 20 साल से पुराने वाहन को सड़क से हटाने का निर्देश दिया। ऐसे में ज्यादातर टैक्सी मुंबई की सड़कों से बाहर कर दी गईं। मुंबई टैक्सी मेन्स यूनियन के नेता ए एल क्वॉड्रोस के अनुसार वे कोई भी कार चला लें, लेकिन पद्मिनी को चलाने में उन्हें काफी अच्छा फील होता था। उन्होंने कहा कि यह आइकोनिक टैक्सी कमाल की रही, जो पिछले कई दशकों से लाखों लोगों को सफर कराती रही है।

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