जिले में अपार आईडी बनाने में शिथिलता पर 6 प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण
अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिले में अभी भी 82 भूमिहीन विद्यालय संचालित हैं जिनके भवन निर्माण के लिए भूमि की आवश्यकता है।
सारण के जिलाधिकारी अमन समीर ने प्राथमिकता के आधार पर अपर समाहर्त्ता के माध्यम से भूमिहीन विद्यालयों के लिए भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई का निर्देश दिया। सारण जिला मुख्यालय छपरा स्थित समाहरणालय सभा कक्ष में 27 फरवरी को शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने उपरोक्त निर्देश दिया।
समीक्षा में पाया गया कि जिले के विद्यालयों में अध्यनरत छात्रों का अपार आईडी बनाया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 55 प्रतिशत छात्रों का अपार आईडी बनाया जा चुका है, जिसकी प्रगति धीमी पायी गयी। इस धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी समीर ने असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने 55 प्रतिशत से कम अपार आईडी बनाने वाले प्रखंड सदर छपरा, जलालपुर, तरैया, दिघवारा, मांझी एवं एकमा के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछा है।
जिले के 90000 बच्चे अभी भी आधार से वंचित
ई-शिक्षा कोष पर बच्चों के आधार नामांकन की प्रविष्टि की जा रही है। बताया जाता है कि जिले में अभी भी लगभग 90000 बच्चों का आधार नहीं बना है। सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को इस कार्य को प्राथमिकता से पूरा कराने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि मध्याह्न भोजन के आपूर्तिकर्त्ता एजेंसी के केंद्रीयकृत किचन से भोजन डिस्पैच के समय संबंधित बीआरपी निश्चित रूप से वहां मौजूद रहें।
कहा कि सबसे दूर वाले विद्यालयों के लिए भोजन लेकर वाहन सबसे पहले किचन से खुले, ताकि समय पर वहां खाना पहुंच सके। सभी किचन का औचक निरीक्षण सुनिश्चित कराया जाएगा। कहा गया कि जिला के 712 विद्यालयों में पोषण वाटिका का निर्माण कराया जाना है। इसके लिए संबंधित विद्यालयों को राशि दी गई है।
कहा कि पोषण वाटिका में विभिन्न प्रकार की सब्जियों को उगाया जाएगा, जिसका उपयोग मध्याह्न भोजन में भी किया जा सकेगा। साथ ही बच्चों को कृषि कार्यों के बारे में भी बेसिक जानकारी इसके माध्यम से दी जा सकेगी। बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, शिक्षा विभाग के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
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