मौनी अमावस्या स्नान पूर्व भगदड़ में श्रद्धालुओं की मौत का जिम्मेवार सीएम योगी-नायक

महाकुंभ घटना के बाद योगी सरकार को सत्ता में बैठने का अधिकार नही-जनाधिकार मंच

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान से पहले मची भगदड़ में हुई असंख्य हिन्दु श्रद्धालुओं की मौत का जिम्मेवार शत प्रतिशत योगी की भाजपा सरकार है। इस घटना के बाद सीएम योगी को सत्ता में बैठने का एक क्षण भी अधिकार नही है। अविलंब नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे योगी सरकार।

उपरोक्त बाते 29 जनवरी को आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने कही। महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान से पहले मची भगदड़ में हुई असंख्य हिन्दु श्रद्धालुओं की मौत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नायक ने कहा कि हिन्दु श्रद्धालुओं की हुई मौत पर गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मृतक परिवार के आश्रितों को ₹50 लाख एवं घायल परिवार आश्रित को ₹10 लाख की राशि मुआवजा देने की घोषणा करे यूपी सरकार। साथ ही भगदड़ के कारण भीड़ में खोए श्रद्धालुओं की खोज को फोकस कर उनके आश्रितों से मिलवाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के लिए सरकार रणनीति बनाये।

नायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह से मांग करते हुए अनुरोध किया कि यूपी सरकार की निकम्मी व्यवस्था के कारण इतनी बड़ी जान माल की घटना घट गयी, इसलिए केंद्र सरकार पूरे महाकुंभ की व्यवस्था को सेना के हवाले करे। संपूर्ण व्यवस्था को केंद्र के द्वारा मॉनीटरिंग किया जाये।

नायक ने कहा कि महाकुंभ के लिए यूपी की सरकार व्यवस्था मजबूत करने के बजाय प्रचार में लगी रही। सरकार श्रद्धालुओं की चिंता करने के बजाय अपने फोटो सेशन में जुटी थी। सरकार को वीआईपी कल्चर बंद कर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा मे कदम उठाने चाहिए थे, जो नही किया गया। नायक ने कहा यह भी कहा कि मौनी अमावस्या स्नान पर महाकुंभ में अव्यवस्था की वजह से हुई भगदड़ और दम घुटने से श्रद्धालुओं के जान माल के नुकसान के लिए सीधे भाजपा सरकार ही शत प्रतिशत जिम्मेदार है।

तैयारियों के प्रति लापरवाही और महाकुंभ में आम श्रद्धालु की व्यवस्था और चिंता के बजाय भाजपा सरकार ने महाकुंभ को अपने फोटो और वीडियो सेशन का अड्डा बनाकर रख दिया। जिन मंत्रियों पर श्रद्धालुओं के लिए तैयारी कराने की जिम्मेदारी दी गई थी, वे निमंत्रण बांटने का ड्रामा कर रहे थे। ज्यादा बजट का प्रचार करने वाली भाजपा सरकार में महाकुंभ का बजट भ्रष्टाचार की भेंट एवं उसमे हिन्दु श्रद्धालुओं की बली
चढ़ गया।

अब भी समय रहते उन्होंने वीआईपी कल्चर बंद करने की अपील करते हुए कहा कि महाकुंभ में श्रद्धालुओं की आस्था पर सरकार की बद-इंतजामी और झूठे प्रचार कर पानी नही फिरना चाहिए था। कहा में साधु संत अव्यवस्था से नाराज हैं। यदि सरकार ने उसी समय जागरूकता दिखाई होती तो इस भगदड़ से बचा जा सकता था। कहा कि अभी भी समय है, सरकार आम श्रद्धालुओं के लिए इंतजाम सुनिश्चिति करे। वीआईपी स्वागत कल्चर बंद करे। बजट में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करे।

 

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