मुंबई। मुंबई सोमवार रात से ऑटो-रिक्शा यूनियनों (Auto- Rikshaw Unions) ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। पिछले महीने 9 जून को विभिन्न यूनियनों द्वारा राज्य सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का नोटिस सौंपा गया था। मुंबई के 2.12 लाख ऑटो रिक्शा चलाने वाले लगभग 4 लाख ड्राइवरों ने यूनियन के माध्यम से हड़ताल में शामिल होने की बात कही है। मॉनसून (Monsoon) के चलते ऑटो-रिक्शा हड़ताल से मुंबई के लोगों की परेशानी बढ़ सकती है।
ऑटो-रिक्शा वालों की मुख्य रूप से तीन मांगें हैं। ओला-उबर सर्विस पर रोक लगाना, किराए में बढ़ोतरी और अवैध ऑटो-रिक्शा वालों पर कार्रवाई। यूनियन ने स्पष्ट किया है कि ऐप बेस्ड टैक्सी वाले अगर सरकार द्वारा तय सभी नियमों का पालन करते हैं, तभी उन्हें सर्विस देने की मान्यता देनी चाहिए।
ऑटो-रिक्शा मालक चालक संगठना संयुक्त कृति समिति के नेता शशांक राव के अनुसार, टकेवल मुंबई ही नहीं पुणे, नासिक, नागपुर और औरंगाबाद की यूनियनों ने भी हड़ताल में शामिल होने की बात कही है।’ राव ने बताया कि वे सभी सरकार के रवैये से नाराज हैं। सरकार को नोटिस भेजने और बार-बार याद दिलाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
राव ने कहा, ‘पिछले एक महीने से राज्य सरकार द्वारा यूनियन से संवाद स्थापित करने की कोशिश नहीं हुई है। ऐसे में हड़ताल से यहां के लोगों को होने वाली परेशानी के लिए सरकार जिम्मेदार होगी। सरकार द्वारा ऑटो-रिक्शा ड्राइवरों के हितों को नजरअंदाज किया जा रहा है।’
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