हम नारी छी, सब पर भारी छी-रश्मि चौधरी
प्रहरी संवाददाता/सारण (बिहार)। वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर स्थित बाबू शिवजी राय मेमोरियल लाइब्रेरी में 25 अगस्त को बज्जिका-भोजपुरी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन कवियों ने न सिर्फ प्रेम, ऋतु, श्रृंगार और व्यंग आदि रचनाओं का पाठ किया गया, बल्कि गीतों की प्रस्तुति से वातावरण को झकझोर कर रख दिया।
साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था बाबू शिवजी राय मेमोरियल लाइब्रेरी हाजीपुर स्थित सभा कक्ष में बज्जिका और भोजपुरी कवि सम्मेलन का आयोजन किया था। सर्वप्रथम कवियित्री रश्मि चौधरी ने विद्यापति के मैथिली गीत जय जय भैरवी प्रस्तुत किया। इसके बाद उन्होंने आजू बधाईयां, बांसुरिया कइसे बाजी गीत और हम नारी छी सब पर भारी छी कविता प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर कवि और लाइब्रेरी के उपाध्यक्ष आशुतोष कुमार सिंह ने भोजपुरी में जिनगि के फुनंगि पर आश आ के ठहर गइल और प्रणय दंश अइसन कि सऊंसे देहिया हीहरा गइल शीर्षक से दो विरह गीत करुण स्वर के साथ प्रस्तुत कर समां बांध दिया।
सजनपद के चर्चित कवि विजय कुमार विनीत ने बज्जिका भाषा की दो स्वरचित लोरियाँ और अप्पन बड़का भारत के कहूं न कुछो बिगारत हो गीत सुनाया। शिक्षक उमेश कुमार निराला ने सुख सबके जौड़े रहे दु:ख में सब हेरा गेल हो और दो अन्य बज्जिका ग़ज़ल पेश किया।
कवि सम्मेलन में सारण से आई कवियत्री और गायिका रीता सिंह ने पिया मेहदी लाइह मोती झील से जाके साइकिल से तथा कहे तोहसे सजना भोजपुरी गीत का सस्वर पाठ की। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता प्रगतिशील लेखक विचारक डॉ नंदेश्वर प्रसाद सिंह की राजनीति और व्यवस्था पर चोट करती बज्जिका रचना सब बेच रहें हैं अपने अपने हिस्सें का हिंदुस्तान तथा गठबंधन से धनबंधन के लोकतन्त्र कविता ने दर्शकों को झकझोर कर रख दिया।
इस अवसर पर आमंत्रित कवियों के अलावा रंगकर्मी कर्नल कुमार, सुष्मिता भारती, अधिवक्ता विजय श्रीवास्तव, प्रबंध सचिव राजेश पराशर ने एक एक कविता प्रस्तुत की। लाइब्रेरी के संस्थापक अध्यक्ष कुमार वीर भूषण ने संचालन किया और लाइब्रेरी के नव नियुक्त प्रभारी सुरेंद्र चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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