प्रदर्शन के दौरान किसान मुद्दों एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन की दी चेतावनी
एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। किसान मुद्दों एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ 26 जून को गुमला जिला के हद में सिसई प्रखंड कार्यालय के समक्ष झारखंड राज्य किसान सभा सिसई अंचल कमिटी द्वारा प्रदर्शन कर आन्दोलन की चेतावनी दी गयी।
प्रदर्शन के दौरान खेत हमारा-फसल हमारा दाम तुम्हारा नहीं चलेगा, किसानों को खाद- बीज देना होगा, प्रखंड में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाओ, जल, जंगल, जमीन पर हमला नहीं चलेगा, सभी को राशन, बिजली, सिंचाई कूप, तालाब, आवास, पेंशन देना होगा, गरीबों को वन पट्टा देना होगा, किसानों का सारा कर्ज माफ़ करो, मनरेगा में 200 दिन काम व् प्रतिदिन 600 रूपया मजदूरी दो, आदि।
बकाया बिजली माफ करो, 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने की गारंटी करो, धान बीज में मनमानी दाम पर रोक लगाओ, किसान क्रेडिट कार्ड देना होगा, हाथियों के आतंक से किसानों को बचाना होगा, जाति – आवासीय प्रमाण पत्र बनाने में मनमानी पर रोक लगाओ, जमीन ऑनलाइन गड़बड़ी में सुधार करो आदि नारे लग रहे थे।
प्रदर्शन के दौरान मुख्य वक्ता के रूप में झारखंड राज्य किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सुफल महतो ने कहा कि 13 माह चली किसान आन्दोलन, 750 किसानों की शहादत के पश्चात मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून रद्द करते हुए 9 दिसम्बर 2021 को लिखित समझौता किया था कि तीन माह के अन्दर किसानों के फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी देंगे। उक्त समझौते के 2 बर्ष बाद भी उसे लागू नहीं कर देश के करोड़ों किसानों के साथ विश्वासघात किया गया है।
उन्होंने कहा कि किसानो द्वारा आत्महत्या की घटना बढ़ रही है। देश में सर्वाधिक महंगाई, बेरोजगारी, निजीकरण से किसान तबाह हैं। अन्नदाता किसान देश के 140 करोड़ रहिवासियों के लिए भात, रोटी, सब्जी, फल, दूध आदि पैदा करते हैं, लेकिन सरकार अभी तक फसलों के दाम की कानूनी गारंटी नहीं दिया जो चिंता का बिषय है। उन्होंने किसान आन्दोलन तेज करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर किसान सभा के महासचिव सुरजीत सिन्हा ने संबोधित करते हुए कहा कि किसानों के वोट से बनने वाली सरकार किसानों के खिलाफ लगातार नीतियां बनाती रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड में 40 प्रतिशत खनिज संपदा है। उन्होंने खनिज में किसानों की हिस्सेदारी के लिए आन्दोलन का आह्वान किया।
मौके पर झारखंड राज्य किसान कौंसिल सदस्य सह प्रमुख मधुवा कच्छप, राज्य कौंसिल सदस्य शंकर उरांव, जिला सचिव शंकर उरांव, किसान नेता तुरिया उरांव,साधु उरांव, सरिता देवी, अनिल उरांव, चंद्रदेव उरांव, प्रकाश गोप, राजेन्द्र उरांव, लखुवा उरांव, रवि उरांव, सुमन उरांव, फूलमनी देवी, पूनम देवी आदि ने भी संबोधित किया। साथ हीं 15 सूत्री मांग पत्र प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपा गया।
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