चेंबूर में अवैध पैथोलॉजी सेंटरों की भरमार

कब होगी कार्रवाई

मुश्ताक खान/ मुंबई। मनपा परिमंडल पांच एम पश्चिम विभाग की हद में बेरोक-टोक अवैध पैथोलॉजी लैब और डायग्नोस्टिक सेंटरों की भरमार हो गई है। इनकी जांच करने वाला कोई नहीं है। मनपा एम पश्चिम के गुमस्ता लाइसेंस विभाग में 2017 से 2020 तक के रेकॉर्ड में मात्र 50 सेंटरों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।

इसके अलावा गूगल में सर्च करने पर पता चला की चेंबूर (Chembur) परिसर में टॉप 100 पैथोलॉजी लैब और टॉप 47 डायग्नोस्टिक सेंटर हैं। लेकिन इस परिसर में करीब 200 लैब संचालित हैं। इस मामले में मनपा एम पश्चिम के आरोग्य अधिकारी ने साफ कर दिया की लैबों की जांच मेरे अंडर नहीं आता है।

गौरतलब है की कोरोना जैसी महामारी के दौरान लालची पैथोलॉजी लैब और डायग्नोस्टिक सेंटर वालों ने जमकर जनता को लूटा है। लॉकडाउन वन के बाद एक दूसरे की देखा-देखी अवैध रूप से सैकड़ों लैब खुल गए। जबकि मनपा (BMC) एम पश्चिम विभाग में मात्र 50 का रजिस्ट्रेशन है। इस मुद्दे पर यहां के आरोग्य विभाग के अधिकारी मौन हैं। जिसके कारण अवैध रूप से चल रहे पैथोलॉजी सेंटर फल-फूल रहे हैं।

बता दें की आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) द्वारा अधिकृत नहीं होने के बावजूद पैथोलॉजी सेंटरों द्वारा आरटीपीसीआर और एंटीजन जांच के नमूने लिये जाते रहे हैं। छान-बीन से पता चला है की यहां दसवीं फेल लोग भी बड़े पैमाने पर पैथोलॉजी लैब (Pathology Lab) चला रहे हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। इस तरह के लैब इलाके के विभिन्न नर्सिंग होम, हॉस्पिटलों में भी संचालित हैं।

गौरतलब है की नियमानुसार एक पैथोलॉजी लैब संचालित करने के लिए कम से कम डिप्लोमा होल्डर टेक्नीशियन का होना आवश्यक है। साथ ही हर लैब में कम से कम एक एमडी डॉक्टर का होना निहायत ही जरूरी है।

इसके अलावा मनपा का गुमस्ता लाईसेंस, एक्सरे के लिए बीएआरसी का प्रमाण पत्र, बीडब्लू (बायो वेस्ट मेनेजमेंट), बीएससी एमएलटी (भारतीय आर्युविज्ञान अनुसंधान परिषद) का प्रमाण पत्र और सोनोग्राफी के लिए पीसी, पीएनडीटी का होना अनिवार्य है। लेकिन कोरोनाकाल में अधिक कमाई के चक्कर में सरकारी नियमों को ताक पर रखकर कई लोगों ने पैथोलॉजी सेंटर खोल लिया। इससे स्पर्धा बढ़ी और सभी ने हर तरह की जांच शुरू कर दी।

वहीं मनपा एम पश्चिम आरोग्य विभाग के चिकित्सकीय पदाधिकारी अवैध रूप से चल रहे पैथोलॉजी लैब या डायग्नोस्टिक सेंटरों की जानकारी देने के बजाय अपना पल्ला झाड़ लिया। ऐसी सूरत में लैब वालों द्वारा गरीब मरीजों को धड़ल्ले से लूटा जा रहा है। इतना ही नहीं जिनके पास अनुभव की कमी होगी उनके हाथों मरीजों की बीमारियों में इजाफा हो सकता है या कोई अप्रिय घटना हो सकती है़?

Ad. Vigyan dawre

एड् विज्ञान डावरे से इस मुद्दे पर बात करने पर उन्होंने बताया की अवैध रूप से चल रहे पैथोलॉजी लैब और डायग्नोस्टिक सेंटर मनपा के आरोग्य विभाग के अधिकार में आता है। इस लिहाज से विभाग को संज्ञान लेना चाहिए, ताकि अप्रिय घटनाओं को टाला जा सके। उन्होंने कहा की जिन लैब वालों के पास बीडब्लू , बीएससी एमएलटी का प्रमाण पत्र नहीं है। उन्हें लैब संचालित करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने मनपा के आला अधिकारियों से मांग की है की मुंबई में अवैध रूप से संचालित सभी लैबों पर कार्रवाई करे।

Deepak patil

इस मुद्दे पर समाजसेवक दीपक पाटील ने कहा की अवैध रूप से चल रहे पैथोलॉजी लैब हो या डायग्नोस्टिक सेंटरों को सबसे पहले बंद करा देना चाहिए। क्योंकि अनुभवहीन लोगों में मानवता की कमी होती है और ऐसे लोग ही गरीब जनता को लूटने का काम करते हैं। उन्होंने कहा की अकसर अनुभवहीन लैब वाले अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं करते, ऐसे में अगर कोई मामला बढ़ा तो वे अपनी दुकान बंद करके भाग जाते हैं। इसलिए पाटील ने राज्य सरकार से अपील किया है की इस मामले की जांच पड़ताल कर ईमानदार अधिकारी को तैनात किया जाए।

Suraj N. Gahlot

इस मुद्दे पर चाइल्ड विजन फाउडेशन के संस्थापक अध्यक्ष सूरज एन गहलोत ने कहा की चिकित्सा और स्वस्थ्य से जुड़ा हर काम मानवता को दर्शाती है। वहीं चंद लोग ऐसे समय में किसी भी मरीज के साथ अमानवीय ढंग से पैसा कमाते हैं तो सरासर गलत है। गरीब हो या अमीर कोई भी मरीज ऐसे लैबों वालो के झांसे में न आएं। उन्होंने कहा पैथोलॉजी लैब और डायग्नोस्टिक सेंटरों पर संबंधित विभागों के अधिकारियों को नजर रखनी चाहिए। गहलोत ने कहा विगत वर्षों में फूड एंड ड्रग्स विभाग में महेश झगड़े नामक एक अधिकारी ने मुंबई सहित पूरे राज्य में तहलका मचा दिया था। ऐसे अधिकारी की मुंबई में सख्त जरूरत है।

Kailash Arwade

समाजसेवक एवं चेंबूर कांग्रेस के पदाधिकारी कैलाश अरवडे ने इस मुद्दे पर कहा पैथोलॉजी लैब और डायग्नोस्टिक सेंटर दोनों की भूमिका एक ही होती है। उन्होंने कहा की जो भी लैब वाले फर्जी तरीके से चला रहे हैं। उन्हें मनपा के आरोग्य विभाग द्वारा तुरंत बंद करा देना चाहिए। क्योंकि इनमें अगर कोई फिल्मों की तरह बिना डिग्री वाले मुन्ना भाई एमबीबीएस होगा तो मरीजों की जान को खतरा हो सकता है। कैलाश अरवडे ने कहा की आने वाले दिनों में हम लोग अवैध रूप से चल रहे लैबों के खिलाफ मनपा के एम वार्ड में प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं। क्योंकि विभागीय सांठ-गांठ से ऐसे लैब चल रहे हैं।

 826 total views,  3 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *