एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। बिहार की राजधानी पटना में 4 दिसंबर को आयोजित पुस्तक मेला में लोक पंच की प्रस्तुति नाटक क़ातिल खेत का मंचन किया गया।
लेखक इश्तियाक अहमद तथा निर्देशक मनीष महिवाल द्वारा प्रस्तुत उक्त नाटक में कम संसाधन के बाद भी खुशहाल जीवन जी रहे किसान द्वारा थोड़ी सी लोभ में पड़कर जैविक खेती के स्थान पर नकलचीयों के फेर में अपना सबकुछ बर्वाद करने से जुड़ा कहानी पर आधारित है।
नाटक क़ातिल खेत जैविक खेती पर आधारित है। नाटक के माध्यम से दिखाया गया है कि एक किसान जो अपनी किसानी से खुश है। अपनी जरूरत की सभी खाद्य सामग्री कमोवेश उगाता है।
एक दिन किसान को हल जोतते समय खेत में एक चिराग मिलता है। वह चिराग को साफ करता है, तभी उसके अंदर से जिन्न निकलता है और सलाह देता है कि तुम अपने खेत में रासायनिक खाद का उपयोग करो।
उपज 5 गुना होगा और एक बार में एक फसल लगाओ तो और ज्यादा फायदा होगा, पर खर्च थोड़ा ज्यादा लगेगा। जबकि किसान की पत्नी किसान को सलाह मानने से बार-बार मना करती है, लेकिन किसान नहीं मानता। वह महाजन से कर्जा, पईचा लेकर खेती शुरू करता है।
किसान अधिक लालच में बार-बार कर्ज लेता है पर समय पर चुका नहीं पाता। मजबूरन उसे अपने सारे फसल और अपनी जमीन से हाथ धोना पड़ता है। अंत में वह आत्महत्या कर लेता है। प्रस्तुत नाटक में चर्चित टीवी कलाकार व् उक्त नाटक के मुख्य कलाकार मनीष महिवाल के नेचुरल अभिनय ने दर्शकों को भरपूर मनोरंजन किया। इस नाटक की भव्य मंचीय प्रस्तुति बिहार के गया जिला में आगामी 7 दिसंबर को होने जा रही है।
नाटक में किसान का किरदार मनीष महिवाल, उसकी पत्नी का किरदार प्रियांका सिंह, जिन्न गुलशन कुमार, बैल कृष्ण देव तथा अरबिंद कुमार, मुखिया अभिषेक, मुंशी राम प्रवेश, किसान की बहन का किरदार प्रिया कुमारी ने बखूबी निभाई है। मंच से परे उक्त नाटक में संगीत अभिषेक राज, मंच व्यवस्था राम प्रवेश, प्रॉपर्टी कृष्ण देव, वस्त्र विन्यास रितिका के है।
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