रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में कसमार प्रखंड को बाल विवाह मुक्त गांव घोषित को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है।
इसे लेकर 22 नवंबर को प्रखंड के तीन गांव पिरगुल, भवानीपुर व रघुनाथपुर को मुखिया की अध्यक्षता में बैठक कर बाल विवाह मुक्त गांव घोषित कर दिया गया। इस दौरान मौजूद रहिवासियों ने गांव में बाल विवाह नहीं होने देने का संकल्प लिया। साथ ही बाल मजदूरी, बाल व्यापार व बाल यौन शोषण की रोकथाम के लिए कारगर प्रयास करने का निर्णय लिया गया।
इस अवसर पर मुखिया गीता देवी व सरिता देवी ने कहा कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन व सहयोगिनी बहादुरपुर द्वारा चलाए जा रहे अभियान बाल विवाह मुक्त गांव कार्यक्रम काफी सराहनीय है। इस अभियान में सभी को जुड़कर काम करना होगा। मुखिया ने कहा कि यह काम प्रत्येक गांव में होना चाहिए, ताकि बाल विवाह जैसी कुरीति जड़ से खत्म हो सके।
सहयोगिनी की मिंटी कुमारी सिन्हा ने बताया कि पूरे कसमार प्रखंड के 40 गांवों को संस्था द्वारा बाल विवाह मुक्त गांव घोषित करने का संकल्प लिया गया है। जिसमे अभी तक 20 गांवों को अभियान चलाते हुए स्थानीय मुखिया व अन्य जनप्रतिनिधि सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में बाल विवाह मुक्त गांव घोषित कर दिया गया है।
मौके पर उप मुखिया वीरेंद्र करमाली, सुनिता देवी, निरुपा देवी, सीता देवी, पदुम देवी, अशोक कुमार महतो, मिंटी कुमारी सिन्हा सहित दर्जनों गणमान्य मौजूद थे।
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