नक्सलियों के गढ़ में सीआरपीएफ व पुलिस पदाधिकारीयों की बैठक

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में सारंडा में अचानक बढ़ी भाकपा माओवादी नक्सलियों की गतिविधियों के मद्देनजर पुलिस व सीआरपीएफ ने अपनी सक्रियता तेज कर दी है।

इसे लेकर 17 नवम्बर की दोपहर वायु सेना के हेलीकॉप्टर से सीआरपीएफ के आईजी, डीआईजी स्तर के पदाधिकारियों के साथ कोल्हान के डीआईजी अजय लिंडा, मेघाहातुबुरु खेल मैदान स्थित हैलीपैड पर उतरे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी पदाधिकारियों का स्वागत सीआरपीएफ 26 बटालियन के पदाधिकारी, किरीबुरु के एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर, इन्स्पेक्टर वीरेन्द्र एक्का, थाना प्रभारी फिलमोन लकड़ा आदि द्वारा किया गया।

वाहनों में बैठाकर किरीबुरु के मुर्गापाड़ा स्थित सीआरपीएफ का डेट कार्यालय ले गये। वहां पुलिस व सीआरपीएफ के उच्च अधिकारियों के बीच वर्तमान स्थिति से निबटने को लेकर महत्वपूर्ण बैठक की गई।

ज्ञात हो कि, मेघाहातुबुरु आने से पहले हेलीकॉप्टर नक्सलियों की कभी राजधानी रहे थोलकोबाद में उतरा था। वहां सारे अधिकारी थोलकोबाद स्थित सीआरपीएफ कैम्प में जाकर अधिकारियों व जवानों से वार्ता की थी।

सूत्रों के अनुसार पुलिस व सीआरपीएफ द्वारा कोल्हान जंगल क्षेत्र से नक्सलियों को खदेड़ दिया तो वे सारंडा में प्रवेश कर अलग-अलग ग्रुपों में बंटकर शरण लिये हुये हैं। नक्सली सारंडा स्थित छोटानागरा थाना क्षेत्र के कुमडीह, नुईयागड़ा, बहदा, उसरुईया, हतनाबुरु, कोलायबुरु, कुदलीबाद, होलोंगउली गांव के घने जंगल व ऊंची पहाड़ियों पर शरण लिये हुये हैं।

बताया जाता है कि नक्सलियों का छोटा दस्ता झारखंड-ओडिशा सीमावर्ती क्षेत्र कुलातुपु आदि क्षेत्र के जंगलों में भी शरण लिये हुये है। इसे लेकर नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन शुरू करने की रणनीति बनाई जा रही है। पुलिस व सीआरपीएफ पदाधिकारियों की गतिविधियां बढ़ने से सारंडा के ग्रामीण राहत की सांस ले रहे हैं, क्योंकि आसपास के ग्रामीण रहिवासी पहले नक्सली समस्या का बड़ा दंश झेल चुके हैं।

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