दिसोम सोहराय महोत्सव आदिवासियों का लोकप्रिय पर्व-इंद्रदेव
एन.के.सिंह/फुसरो (बोकारो)। फुसरो नगर परिषद क्षेत्र के हद में कारो बस्ती में 30 जनवरी को दिसोम सोहराय महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। नायक बाबा राजू मुर्मू और सोहनलाल मांझी शामिल थे। मांझी बाबा, रामेश्वर हेम्ब्रम, जितेंद्र टुडू, शनिचर मरांडी, बंटी टुडू आदि के नेतृत्व में पूजा अर्चना की गई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि हिंद मजदूर किसान पंचायत (एचएमकेपी) के प्रदेश महासचिव इंद्रदेव महतो ने कहा कि पूरी दुनियां आज जहां पर्यावरण, पशु धन जैसे कई संकटों से जूझ रहा है।
अगर दुनियां को बचाना है तो इसी तरह प्रकृति से जुड़कर हमें त्योहार मनाने की आवश्यकता है। यह सिर्फ त्योहार ही नहीं जीवन का दर्शन भी है। उन्होंने कहा कि इस संसार में सबको जीने और रहने का अधिकार है।
आयोजन समिति के सोहनलाल मांझी ने कहा कि जनजाति संस्कृति और चिंतन पेड़-पौधे से लेकर जीव-जंतु तक की चिंता करता है। दिसोम सोहराय महोत्सव आदिवासी संथाल समाज का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। यह प्रत्येक साल जनवरी महीने में धान की फसल खेत से घर खलिहान में आने के बाद मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि धान की फसल कटने के बाद सोहराय पर्व का माहौल पूरे संथाल समाज के गांव में शुरू हो जाता है। मांदर की थाप पर महिलाएं, युवती, पुरुष सामूहिक रूप से नृत्य करते हैं। यहां कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंद्रदेव महतो को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
मौके पर कार्मिक प्रबंधक हेम चंद्र महतो सहित कैलाश ठाकुर, मेघु दिगार, शिवचरण मुंडा, कुवर मांझी, रवि मुंडा, विनोद टुडू, अजय हेम्ब्रम, सोरामनी देवी, बिरसा हेम्ब्रम, पूर्व मुखिया ललन राम आदि उपस्थित थे।
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