एस.पी.सक्सेना/ बोकारो। एक ओर जहां बोकारो जिला प्रशासन वैश्विक नोबेल कोरोनावायरस (Coronavirus) से जंग जीतने के लिए दिन रात एक कर लोगों से लाॅक डाउन का पालन कराने में जुटी है वहीं दूसरी ओर जिला के हद में कथारा कोलियरी प्रबंधन की लापरवाहियों के कारण कामगार सारी हदें पार कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार सीसीएल कथारा (CCL Kathara) प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक एमके पंजाबी इस मामले में पैसा पानी की तरह बहा रहे हैं। जबकि उनके ही अधिकारी व कर्मचारीगण उनके सारे मेहनत पर पानी फेरने पर आमादा हैं। यह हम नही कह रहे बल्कि तस्वीर खुद बया कर रही है। उपरोक्त तस्वीर सीसीएल कथारा प्रक्षेत्र के कथारा कोलियरी वर्कशॉप के करीब डिजल टंकी व् कोलियरी में संचालित होटल के समीप की है।
जहां प्रतिबंधों के बाद भी आम दिनों की तरह होटल खोले जा रहे हैं और कामगार यहां भीड़ की शक्ल में जमा होकर जलपान व भोजन करते नजर आ रहे हैं। ज्ञात हो कि लाॅकडाउन के बाद कारण नियमत: होटल भी नहीं खोला जा सकता हैं। फिर इस होटल को किसके आदेश पर खोला गया है। इतना ही नहीं जगह जगह कामगारों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग की खिल्ली उड़ाई जा रही है।
ऐसे में देश से कोरोना महामारी को भागाने में सफलता कैसे मिलेगी? जरुरत है ऐसे नियम तोड़ने वाले उदण्डो के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई करने की नियमत:ऐसे होटल मालिकों पर तो मामला दर्ज होना चाहिए। और तो और स्थानिय प्रबंधन भी इस महामारी को बढ़ाने में लग गयी जान पड़ता है।
बताया जाता है कि गोमियां प्रखंड के हद में साड़म पंचायत क्षेत्र में कोरोना के कई मरीजों के पाॅजिटिव पाये जाने के बाद बोकारो जिला प्रशासन द्वारा साड़म के तीन किलोमीटर दायरे को सील करने के बाद भी 24 अप्रैल को वहां रहने वाले आठ कामगार कथारा कोलियरी में कार्य स्थल पर देखे गए।
जिसमें अयुब अंसारी, लोधा तुरी, प्रदीप रवाणी, मो.सलीम, बहादुर कहार, श्यामलाल, शिशुपाल प्रजापति तथा गौरी लाल (सभी कामगार उत्खनन विभाग के) शामिल है। इस बावत पूछे जाने पर परियोजना अभियंता उत्खनन चौधरी अरबिंद कुमार ने बताया कि मना करने के बावजूद वैसे चिन्हित सभी कामगार काम पर जबरन आ गये हैं। इसकी सूचना सीसीएल मुख्यालय रांची के अधिकारी के.एस.गैवाल को दिया गया। हस्तक्षेप के बाद सूचना पाकर क्षेत्र के जीएम पंजाबी कथारा कोलियरी जाकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया गया है।
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