रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान द्वारा 25 नवंबर को बोकारो के गरगा नदी तट पर प्रेस वार्ता आयोजित किया गया।
प्रेस वार्ता में उपस्थित प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए संस्थान के महासचिव शशि भूषण ओझा ‘मुकुल’ ने जानकारी दिया कि शुभ कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को अपराह्न 3 से बोकारो-चास मुख्य पथ पर गरगा पुल के समीप स्थित छठ घाट पर गरगा नदी के तट पर हजारों दीप जलाकर गर्ग-गंगा दीपोत्सव का भव्य आयोजन स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान द्वारा आयोजित किया जाएगा।
जिसमें बोकारो के कई गणमान्य सहित पर्यावरण रक्षक उपस्थित रहेंगे। साथ ही इस कार्यक्रम में बोकारो की आम जनता को भी सहभागी होने हेतु निवेदन किया गया है। मुकुल ने कहा कि उस दिन सर्वप्रथम गरगा नदी जिसका पौराणिक नाम गर्ग-गंगा है की विधिवत पूजा अर्चना की जाएगी। तत्पश्चात, नदी की आरती होगी और उपस्थित सभी जन दीप दान करते हुए नदी में दीपक प्रवाहित करेंगे। फिर नदी को प्रदूषण मुक्त करने हेतु जिला प्रशासन और सरकार से आग्रह किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि उक्त अवसर पर नदी तट पर सैकड़ों दीपक जलाकर इसके प्रति अपनी श्रद्धा समर्पित की जाएगी । ज्ञात हो कि, गरगा नदी का उद्गम बोकारो जिला के हद में कसमार प्रखंड के कलौंदी बांध के जल कुंड से हुआ है । मान्यता है कि ऋषिश्रेष्ठ गर्ग ने अपने तपोबल से इसे भूगर्भ से द्वापर युग में उत्पन्न किया था।
इसलिए इस नदी का संबंध भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से है। इस नदी में चास नगर निगम और बोकारो इस्पात संयंत्र के आवासीय कॉलोनीयों के गंदे नालों का अनवरत प्रवाह हो रहा है, जिससे यह अत्यंत ही प्रदूषित हो गई है। स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान द्वारा इस नदी को प्रदूषामुक्त करने हेतु वर्षों से आंदोलन चलाया जा रहा है। गर्ग-गंगा दीपोत्सव का आयोजन भी इस नदी के प्रति रहिवासियों को आकर्षित करने हेतु किया जाता है।
प्रेस वार्ता में शशि भूषण ओझा ‘मुकुल’, रघुबर प्रसाद, अखिलेश ओझा, बबलू पांडेय, विजय गुप्ता, बीरेंद्र चौबे, अभय कुमार गोलू, अजीत भगत, गौरी शंकर सिंह, लक्ष्मण शर्मा, ललित कुमार, अनिल उपाध्याय, सुनील सिंह आदि संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
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