वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 35 सौ से अधिक पारा शिक्षकों से रू-ब-रू हुए उपायुक्त

वर्तमान में मास्क, साफ-सफाई व कोविड नियमों का अनुपालन अत्यावश्यक-उपायुक्त
थर्मोकाॅल मुक्त जिला, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा को समाज से खत्म करने में पारा शिक्षकों का सहयोग अपेक्षित-उपायुक्त
एस.पी.सक्सेना/देवघर(झारखंड)। देवघर जिला उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री (Deoghar district deputy commissioner Manjunath Bhajanrri)  की अध्यक्षता में 19 मार्च को समाहरणालय सभागार में वीडियो कोंफ्रेंसींग के माध्यम से जिले के 1000 केन्द्रों से 3500 से अधिक पारा शिक्षकों एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ ऑनलाइन परिचर्चा सह बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उपायुक्त द्वारा देवघर जिला अंतर्गत कोविड वैक्सिन के प्रथम डोज, द्वितीय डोज, कोरोना संक्रमण व वैक्सिनेशन को लेकर जागरूकता के अलावा थर्मोकाॅल के उपयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित करने के उपाय, घटते लिंगानुपात, महिला सशक्तीकरण, दहेज प्रथा का कारण और निवारण, बेटा व बेटियों में असमानता का कारण और निवारण, शौचालय व साफ-सफाई से जुड़े विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।
इस दौरान विभिन्न पंचायतों के पारा शिक्षकों द्वारा अपने-अपने विचार व सुझाव उपायुक्त के समक्ष प्रस्तुत किए गए। साथ हीं अभियान में शत प्रतिशत अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की बात एक स्वर में सभी पारा शिक्षकों ने किया। उपायुक्त ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी पारा शिक्षक समाज के आधार स्तम्भ हैं। साथ हीं हमारी आने वाली पीढ़ी हमारे बच्चे को सही दिशा देने में आप सभी की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। एक बेहतर समाजिक परिवेश बनाने मे शिक्षकों की उपस्थिति सर्वोच्च मानी जाती है। ऐसे में मेरा आग्रह होगा कि बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ सामाजिक ज्ञान से भी रूबरू करायें, ताकि आने वाली पीढ़ी समाज से पुरानी कुरीतियों को दूर करने में सक्षम हो।
उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान में देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे मामलों को लेकर सभी को सतर्क व सावधान रहना जरुरी है। साथ हीं उन्होंने अपने स्तर से लोगों को कोविड वैक्सिनेशन व कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक करने की बात कही। उपायुक्त ने 45-59 व 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सिन दिये जाने की प्रक्रिया से अवगत कराते हुए कहा कि ऐसे लोगों को चिन्ह्ति करते हुए उनका निबंधन कराना सुनिश्चित करें। इस हेतु अपने नजदीकी प्रज्ञा केन्द्र में 10 रूपये के शुल्क के साथ अपना निबंधन करा सकते हैं या अपने मोबाईल से https://selfregistration.cowin.gov.in/ पर निबंधन कर सकते हैं। ऑफलाइन निबंधन हेतु अपने नजदीकी प्रखंड में ब्लाॅक डाटा मैनेजर को अपना आवेदन (फाॅर्म) जमा कर सकते हैं।
उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गयी कि वैक्सिनेशन की गति को बढ़ाने के उद्देश्य से जिले में छः दिवसीय विशेष कैम्प का आयोजन आगामी 20-21 मार्च, 23-24 मार्च तथा 26-27 मार्च को 33 केन्द्रों पर किया जायेगा, ताकि जिले के सभी 194 पंचायतों के निबंधित लोगों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में वैक्सिन दिया जा सके। बैठक के दौरान सही गति से माॅनिटरिंग व वैक्सिनेशन कार्यों को लेकर उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग व समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को सख्त निदेशित किया कि अपने संसाधनों का शत प्रतिशत उपयोग करते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना संक्रमण व वैक्सिन के प्रति जागरूक करें, ताकि शत प्रतिशत वैक्सिनेशन का कार्य करने के अलावा कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बातचीत करते हुए उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि समाज से बेटे-बेटियों में असमानता की सोच को बदलने की जरूरत है। आज बेटियां हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं। उन्होंने कहा कि बेटा हो या बेटी, दोनों का समान अधिकार है। देवघर जिले में कई ऐसी महिलाएं हैं, जो किसी न किसी क्षेत्र से जुड़कर बेहतर कार्य करते हुए अपने क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व कर रही हैं। जिला, राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश की बेटियों ने नाम रौशन किया है। उन्होंने कहा कि समस्याओं पर विचलित होने के बजाय समाधान ढूंढने की आवश्यकता है। साथ हीं आप सभी सेविका, सहिया एएनएम के माध्यम से सभी अभिभावकों से भी आग्रह होगा कि बेटियों को आगे बढ़ाने में हर संभव सहयोग करें, ताकि बेटियां अपने परिवार के साथ अपने समाज और राज्य का नाम रौशन करें।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने संबोधित करतें हुए कहा कि जिले में विगत 5 सालों में लिंग अनुपात मे काफी कमी आई है जो चिन्तनीय है। जिले में लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या में कमी दर्ज किया जाना निश्चित ही चिंताजनक है। गर्भ में ही भ्रूण हत्या करना महापाप है, जिस पर रोक लगाना अति आवश्यक है। इसके लिए जरूरी है कि सभी जागरूक बने और दूसरों को भी जागरूक करते हुए समाज को बेहतरी की ओर ले जाने में अपना योगदान सुनिश्चित करें। सबसे महत्वपूर्ण खुद भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से लिंग परीक्षण या भ्रूण हत्या में सहभागिता नहीं करेंगे। अगर पता चलेगा तो इसकी सूचना प्रशासन को देंगे। ताकि त्वरित व आवश्यक कड़ी कार्रवाई की जा सके। उपायुक्त ने थर्मोकाॅल के उपयोग को पूर्णतः खत्म करने में सभी के सहयोग की बात करते हुए कहा कि थर्मोकाॅल के उपयोग को बंद करने में सभी का सहयोग आपेक्षित है, ताकि प्लास्टिक से होने वाले दुष्प्रभाव को समझते हुए अभी से इसके उपयोग को न करें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। थर्मोकाॅल के जगह पत्तल के बने विकल्पों का उपयोग पर्यावरण व स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बेहतर विकल्प है। वहीं दूसरे स्तर से देखा जाय तो पत्तों से सामानों का उपयोग कर प्रकृति प्रेम व पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकता है। ऐसे मे आप सभी से मेरा आग्रह होगा कि अपने पंचायत अपने गांव में लोगों को जागरूक करें कि शादी विवाह या अन्य कार्यक्रमों में थार्मोकाॅल व प्लास्टिक के जगह पत्तों से बने पत्तल, दोना आदि का इस्तेमाल कर एक कदम पर्यावरण संरक्षण की ओर बढ़ाने में जिला प्रशासन का सहयोग करें।
वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के दौरान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने घरेलू व्यक्तिगत शौचालय के निरंतर उपयोग एवं भोजन ग्रहण करने के पूर्व व शौच के बाद हाथोें की समुचित साफ-सफाई का महत्व बतलाते हुए आग्रह किया गया कि अपने घरों के साथ-साथ आस-पास के सार्वजनिक स्थलों आदि के साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखें एवं दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करे, ताकि अधिक से अधिक संख्या में लोग इससे जुड़कर अपने आस-पास को स्वच्छ रखें एवं व्यक्तिगत शौचालय का प्रयोग व हाथों की समुचित साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें और दूसरों को भी ऐसा करने हेतु प्रेरित करें।

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