प्रहरी संवाददाता/वैशाली(बिहार)। विशेश्वर प्रसाद यादव (Wisheswer Prasad yadav) राज्य अध्यक्ष (State President) अखिल भारतीय किसान महासभा बिहार प्रदेश अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव 6 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी चक्का जाम आंदोलन को पुरी तरह सफल बताया है। यादव के अनुसार चक्का जाम का सबसे व्यापक असर वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर में देखा गया।
यादव ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी चक्का जाम आंदोलन के आह्वान पर हाजीपुर नगर के महारानी चौक पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति से जुड़े किसान नेताओं के नेतृत्व में 6 फरवरी को दोपहर 2:00 बजे दिन से 3:00 बजे दिन तक रास्ता जाम कर किसान विरोधी तीनों काला कानून जो कानून देश में खाद्यान्न संकट पैदा करने वाला है। देश के खेती किसानी को कॉरपोरेट गुलामी की ओर ले जाने वाला है की वापसी। किसान नेताओं पर पत्रकारों पर लादे गए झूठे मुकदमों की वापसी। गिरफ्तार किसान नेताओं पत्रकारों को रिहा करने। न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून बनाने। किसान आंदोलन पर दमन बंद करने आदि मांगों के समर्थन में रास्ता जाम किया गया।
जाम आंदोलन का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव खेतव ग्रामीण मजदूर सभा के जिलाध्यक्ष दीनबंधु प्रसाद, सचिव रामबाबू भगत, किसान नेता प्रदीप राय, संजीव कुमार, अमृत गिरी, राजेंद्र पटेल, सत्यनारायण राय, अधिवक्ता मुकेश रंजन, मनोज गुप्ता, कृष्णा भगत आदि नेताओं ने किया। वही अक्षयवत राय नगर रेलवे स्टेशन पर पंकज श्रीवास्तव, अक्षयवट चौक पर किसान महासभा के जिलाध्यक्ष सुमन कुमार, मोहम्मद खुर्शीद, महताब राय, ज्वाला कुमार, राज नारायण सिंह, अर्जुन सिंह, भाकपा माले के जिला सचिव योगेंद्र राय, लालगंज के तीनपुलवा चौक पर किसान नेत्री डॉक्टर प्रेमा देवी, डॉक्टर बी सिंह, त्रिभुवन राय, वैशाली ब्लॉक के रहीमपुर में पूर्व मुखिया किसान महासभा के नेता रामचंद्र राय, पातेपुर के बहुआरा कोठिया पुल पर किसान महासभा के पातेपुर प्रखंड अध्यक्ष राम प्रसिद्ध राय, देव कुमार साहनी, लालदेव राम, भगवानपुर प्रखंड के इमादपुर चौक पर किसान नेता पवन कुमार, शीला देवी, डॉक्टर सीता राम भगत, वीरेंद्र सिंह, मदन महाराज, विजय महाराज, रामजी राम ने रास्ता रोको आंदोलन का नेतृत्व किया। इसके अतिरिक्त जिले के दर्जनों रास्तों को अखिल भारतीय किसान महासभा के नेताओं कार्यकर्ताओं ने जाम किया। जाम स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पूर्व में बने वैसे 200 कानूनों जो जनपक्ष यथा उसको समाप्त कर दिया जबकि यह तीन काला कृषि कानून जो कारपोरेट के पक्ष में है वापस नहीं ले रही है। नेताओं ने कहा कि यह सरकार विदेशियों से भी ज्यादा देश के किसानों को अपना दुश्मन समझती है। सीमा से ज्यादा नाकेबंदी किसान आंदोलन के दिल्ली बॉर्डर पर नाकेबंदी किया है। सड़कों पर कील लगाने का काम किया। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले को देशद्रोही कहा जाता है, परंतु यह सरकार खुद ही सड़कों पर गड्ढे खुदबाया। कटीले तार लगवाया। ऊंचा दीवार बनवाया। इसलिए यह सरकार देश की दुश्मन है। रेल सहित तमाम सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को बेचने के बाद अब खेती किसानी को भी कॉरपोरेट के हाथ गुलाम बनाना चाहती है। संस्था में खरीद कर अकूत भंडारण कर महंगा में बेचने का खुला छूट पूंजीपतियों को दे दिया गया है। सरकारी संस्थानों को बेचने से बेरोजगारी का दंश झेल रहे इस देश के नौजवान इन तीनों कानूनों के कारण भी बेरोजगार होंगे। आज के चक्का जाम को सफल बनाने के लिए किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव ने वैशाली जिला सहित पूरे बिहार के किसानों, मजदूरों, छात्र नौजवानों को बधाई दिया है। साथ हीं कहा कि किसान विरोधी यह काला कानून जब तक वापस नहीं होगा आंदोलन जारी रहेगा।
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