पकड़ी गयी हेराफेरी, मृतकों की संख्या, पॉजिटिव की संख्या में भी झोल
संतोष कुमार झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बताने में खेल सुनकर आश्चर्य होता है। परंतु यह सत्य है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार सरकार ने 17 जुलाई की संध्या 3 बजकर 48 मिनट पर ट्वीट कर जानकारी दी कि बिहार (Bihar) में कोरोना के 901 नये संक्रमित मरीज पाये गये। इसी ट्वीट में दूसरी जानकारी दी गयी कि पहले भी 841 मरीज पॉजिटिव पाये गये हैं। ये 15 जुलाई या उससे पहले पॉजिटिव पाये गये हैं। सवाल है कि अगर 841 लोग पहले पॉजिटिव पाये गये थे तो सरकार ने उसकी सूचना पहले क्यों नहीं दी। जानकारी क्यों छिपायी गयी?
बिहार में किसी हालत में चुनाव कराने पर आमदा नीतीश सरकार कोरोना की स्थिति को लेकर लगातार गलत जानकारी दे रही है। राज्य सरकार कोरोना से मृत लोगों की संख्या बताने में बड़ा खेल करने पर तुली है। वहीं करोनो संक्रमित लोगों की संख्या बताने में भी हेराफेरी की जा रही है। यह समझ से परे है कि राज्य सरकार लोगों को गलत जानकारी क्यों दे रही है।
दरअसल बिहार में 17 जुलाई को कुल 1742 पॉजिटिव मरीज पाये गये। जबकि 16 जुलाई तक राज्य में कुल मरीजों की तादाद 21 हजार 558 थी। इसमें 1742 और बढ़ गये और 17 जुलाई तक कुल मरीजों की संख्या बढ़ कर 23 हजार 330 मरीज हो गये। सरकार ने ये भी नहीं बताया कि पहले के जिन 841 मरीजों की जानकारी आज दी गयी है वे किस जिले के हैं। वे कब पॉजिटिव पाये गये। और वे कौन से लोग हैं जिनके पॉजिटिव होने की जानकारी छिपायी गयी।
मृतकों की संख्या में भी बड़ा झोल
बिहार सरकार ने 17 जुलाई शाम 4 बजे तक का आंकडा जारी कर बताया कि कोरोना (Coronavirus) से बिहार में अब तक 173 लोगों की मौत हो गयी है, लेकिन कोरोना को लेकर केंद्र सरकार के वेबसाइट पर अलग ही जानकारी दी जा रही है। केंद्र सरकार भी शाम चार बजे तक का आंकड़ा जारी कर बता रहा है कि कोरोना से बिहार में 197 लोगों की मौत हो गयी है। सवाल है कि कौन झूठ बोल रहा है। बिहार सरकार या केंद्र सरकार? कोरोना को लेकर बिहार सरकार जिस तरीके से आंकडो की बाजीगरी करती आ रही है उससे उस पर शक ज्यादा गहराता जा रहा है।
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