कड़कनाथ प्रजाति का मुर्गा अन्य प्रजातियों के मुर्गो से बेहतर
एस.पी.सक्सेना/ बोकारो। झारखंड राज्य में पहली बार बोकारो (Bokaro) जिले के राजकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र बोकारो में कड़कनाथ मुर्गा व मुर्गियों का पालन किया जा रहा है। जिसके अंडे जिले के आम नागरिकों के लिए उपलब्ध है। तथा यह प्रत्येक बुधवार एवं शनिवार को प्रातः 10:00 बजे से 11:00 बजे तक बिक्री किया जाता है। उक्त जानकारी 14 जुलाई को बोकारो के जिला पशुपालन पदाधिकारी सह प्रभारी सहायक निदेशक मीनू शरण ने दी।
उन्होंने बताया कि कड़कनाथ प्रजाति का मुर्गा अन्य प्रजातियों के मुर्गो से बेहतर होता है। इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक और फैट की मात्रा न के बराबर पाया जाता है। यह विटामिन-बी-1, बी-2, बी-6, बी-12, सी, ई, नियासिन, कैल्शियम, फास्फोरस और हीमोग्लोबिन से भरपूर होता है।
ज्ञातव्य हो कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में तहलका मचाने के बाद अब कड़कनाथ प्रजाति के मुर्गे की बांग झारखंड के बोकारो में भी सुनाई देने लगी है।
राजकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र बोकारो में कड़कनाथ के चूज़े और तैयार मुर्गी-मुर्गा मंगवाए गए हैं। औषधीय गुण, सबसे कम फैट, चटखदार काले रंग, हमेशा याद रहने वाले लजीज स्वाद आदि के लिए पहचाना जाने वाले कड़कनाथ का मांस, चोंच, कलंगी, जुबान, टांगें, नाखून, चमड़ी सभी काले होते हैं। इसमें प्रोटिन की लगभग 25 प्रतिशत मात्रा पाई जाती है। वहीं फैट प्वाईंट जीरो सात पाया जाता है। यही वजह है कि इसे औषधीय गुणों वाला मुर्गा माना जाता है। हृदय व डायबिटीज रोगियों के लिए कड़कनाथ रामबाण का काम करता है।
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