संवाददाता/ मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election 2019) के नतीजे आए एक हफ्ते हो चुके हैं लेकिन सत्ता के लिए रस्साकशी अब तक जारी है। बीजेपी और शिवसेना के बीच अभी 50-50 फॉर्म्युले पर मामला अटका हुआ है। इस बीच शिवसेना (Shivsena) के विधायक दल की बैठक में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को विधायक दल का नेता चुना गया है। इसके लिए आदित्य ठाकरे ने प्रस्ताव रखा था, जिस पर शिवसेना के सभी 56 विधायकों ने अपनी सहमति दी। वहीं सुनील प्रभु को सदन में पार्टी का चीफ विप बनाया गया है। अब सभी विधायक राज्यपाल से मुलाकात करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में बीजेपी के उपमुख्यमंत्री पद वाले ऑफर पर चर्चा नहीं हुई। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि इस बैठक में आदित्य ठाकरे को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। हालांकि आदित्य ठाकरे ने खुद एकनाथ शिंदे के नाम का प्रस्ताव रखा। इसी के साथ ही सत्ता को लेकर चल रहा सस्पेंस और गहरा गया है। दूसरी ओर गुरुवार दोपहर शिवसेना के सभी विधायक राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। बताया गया है कि यह मुलाकात राज्य मेें सूखे की समस्या को लेकर की जा रही है।
बैठक से पहले शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने बीजेपी को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि हमें ‘बच्चा पार्टी’ समझने की भूल न करें। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि 288 सदस्यों वाली विधानसभा में 105 सीटें होने पर भला कहीं सत्ता मिलती है। उन्होंने कहा, ‘हम अपने वादे से पीछे नहीं हटे हैं। वादे से पीछे हमारा मित्र पक्ष (बीजेपी) हटा है। हम अपनी मांग जारी रखेंगे।’ शिवसेना को मुख्यमंत्री पद न देने के देवेंद्र फडणवीस के बयान पर संजय राउत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘105 सीटों से सरकार बनती है क्या? अगर बनती है तो वे जाकर सरकार बना लें।’
बता दें कि संजय राउत का तंज ऐसे समय आया है जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद शिवसेना को उप मुख्यमंत्री पद के साथ 13 मंत्री पद देने का फैसला किया है। इससे पहले बुधवार को शिवसेना के सांसद संजय राउत ने अपने रुख में थोड़ी नरमी दिखाते हुए कहा था कि अच्छा होगा अगर बीजेपी और शिवसेना महाराष्ट्र में अगली सरकार बनाते हैं। फडणवीस ने भी कहा है कि बीजेपी जल्द से जल्द शिवसेना नेतृत्व से सरकार बनाने पर बात करेगी।
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