मुंबई। मुंबई में डायबीटीज के मरीज दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं। बीएमसी के एक हालिया सर्वे के अनुसार, इलाज के लिए आने वाले ज्यादातर मरीज हाइपरटेंशन और डायबीटीज से परेशान हैं। फरवरी से मार्च तक बीएमसी स्वास्थ्य विभाग ने 6 कैंप लगाए थे। इनमें 590 लोगों की जांच हुई थी, जिनमें 153 लोगों में डायबीटीज पाई गई।
रिपोर्ट के अनुसार, 26 प्रतिशत (153 लोगों) में डायबीटीज, जबकि 25 प्रतिशत (147 लोगों) में डायबीटीज होने की संभावना सामने आई है। ताज्जुब की बात यह है कि इन सब में यह समस्या पहली बार सामने आई है। मतलब यह कि उनमें बीमारियां थीं, लेकिन जांच से पहले तक लोगों को बीमारी के बारे में जानकारी ही नहीं थी।
मनपा स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त कार्यकारी अधिकारी डॉ. संतोष रेवनकर ने कहा कि पिछले कुछ सालों से लोगों में नॉन कम्यूनिकेबल बीमारियां बढ़ रही हैं। इसके पीछे शारीरिक रूप से ऐक्टिव न होना भी एक वजह है। इससे बचने के लिए लोगों को खानपान पर ध्यान देने के साथ ही समय-समय पर स्वास्थ्य की जांच करा लेना चाहिए।
डायबीटीज रोग विशेषज्ञ प्रदीप गाडगे ने बताया कि शहरी इलाकों में जीवनशैली में हो रहे बदलाव और फास्ट फूड पर बहुत अधिक निर्भरता के कारण मामले बढ़ रहे हैं। बता दें कि इसके पहले भी मनपा ने अस्पताल में आने वाले मरीजों की बीमारी समझने के लिए एक सर्वे किया था, जिसके अनुसार मनपा के सभी अस्पतालों में आने वाले 50 प्रतिशत से अधिक मरीज साइकायट्री और हाइपरटेंशन की समस्या से परेशान थे।
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