कैंसर मरीजों के लिए वरदान है समिति का सेवा सदन

परेल में मुफ्त डायलिसिस और बोरीवली में कम दरों पर कीमोथेरपी

मुश्ताक खान/मुंबई। मौजूदा समय में कैंसर के मरीजों की सेवा के मामले में नाना पालकर स्मृति समिति द्वारा एक के बाद एक मिसाल कायम किया जा रहा है। इस समिति के कुशल कार्यों की सराहना भारत सहित विदेशों में भी होने लगी है, बावजूद इसके समिति के संचालकों को ऐसा लगता है कि कैंसर के मरीजों की सेवा में अब भी कुछ कमी रह गई है।

मौजूदा समय में परेल पूर्व में नाना पालकर स्मृति समिति द्वारा संचालित रुग्ण सेवा सदन में मुफ्त डायलिसिस और समिति की बोरीवली शाखा में लगभग एक चौथाई दरों पर कीमोथेरपी की जाती है। इस कड़ी में दिलचप्स बात यह है कि एशिया महादेश का एकलौता टाटा मेमोरियल सेंटर में पुरे देश व विदेशों से आने वाले कैंसर के मरीजों को लंबी कतारों का सामना करना पड़ता था।

इसे देखते हुए नाना पालकर स्मृति समिति ने टाटा मेमोरियल सेंटर से हाँथ मिलाया और मरीजों की सेवा में कूद पड़ा, इस समिति ने डॉ. श्रीकांत बड़वे की अध्यक्षता में अनगिनत उपलब्धियां हांसिल की है।

कैंसर के मरीजों के लिए क्या समिति की सोंच

गौरतलब है कि नाना पालकर स्मृति समिति द्वारा संचालित रुग्ण सेवा सदन में कुशल कार्यों के कारण एक के बाद एक मिसाल कायम किया है। इनमें मुफ्त डायलिसिस और समिति की बोरीवली शाखा में लगभग एक चौथाई दरों पर कीमोथेरपी करने का गौरव हांसिल है।

बता दें कि देश की आर्थिक राजधानी महानगर मुंबई के भागती दौड़ती जिंदगी में किसी के पास समय नहीं है। वहीं नाना पालकर स्मृति समिति के अध्यक्ष डॉ. श्रीकांत बड़वे, कार्यध्यक्ष डॉ. परेश नावलकर, सचिव श्रीमती सुमेधा जोशी, खजांची विवेक छत्रे और व्यवस्थापक कृष्णा महाडिक आदि देश के कोने -कोने से आने वाले गरीब बेसहारा कैंसर के मरीजों की सेवा करने के लिए एक के बाद एक व्यवस्थाएं तैयार करते हैं। ताकि कैंसर के मरीजों और उनके साथ आने वाले परिवार के सदस्यों की अधिक से अधिक सेवा की जा सके।

समिति ने क्या -क्या किया मरीजों के लिए

उल्लेखनीय है कि इस समिति के संस्थापकों ने पहले कैंसर के मरीजों के रहने की व्यवस्था की, इसके बाद उनके लिए शुद्ध शाकाहारी भोजन, फिर मुफ्त डायलिसिस करना शुरू किया। इस तरह किफायती दरों एम्बुलेंस की व्यवस्था की, महिलाओं के लिए ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए जागरूकता अभियान चलाया।

इसके साथ ही किफायती दरों पर डायग्नोसिस्ट सेंटर (ब्लड टेस्ट) के साथ हांथ मिलाया ताकि लोगों की मदद की जा सके। इन सभी उपलब्धियों के बाद मुफ्त डायलिसिस और अब कीमोथेरपी की बेमिसाल व्यवस्था की गई है। ताकि मरीजों को लंबे समय तक इंतजार न करना पड़े। कयास लगाया जा रहा है कि निकट भविष्य में टाटा मेमोरियल सेंटर व अन्य सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से आगे भी कैंसर के मरीजों की सुविधाओं के लिए बहुत कुछ किया जायेगा।

Tegs:# Commitee of sewa sadan is boon for cancer patient

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