अब लोकायुक्त के दायरे में सीएम फडणवीस

मुंबई। राज्य के मुख्यमंत्री अब लोकायुक्त की निगरानी के दायरे में होंगे। इसके लिए मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई बैठक में लोकायुक्त, उपलोकायुक्त अधिनियम में सुधार की मंजूरी दे दी है। बैठक के बाद राज्य के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने बताया कि मुख्यमंत्री के अलावा मंत्री, विपक्षी नेता भी लोकायुक्त के दायरे में आएंगे।

उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चित करने के लिए यह बहुत अच्छी पहल है।’ राज्य में लोकायुक्त भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर किसी भी मामले की जांच कर सकता है या करवा सकता है, अगर शिकायत या मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ हो। यह जांच सीसीटीवी कैमरे के सामने होगी। हालांकि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए लोकायुक्त उनसे जवाब तलब नहीं कर सकता, लेकिन पद से हटने के बाद वह पूर्व मुख्यमंत्री को अपने कार्यालय बुलाकर पूछताछ कर सकता है।

लोकायुक्त के चयन के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 5 सदस्यों की एक समिति होगी। महाराष्ट्र पहला ऐसा राज्य था, जिसने 1971 में लोकायुक्त और उप लोकायुक्त कानून के जरिए लोकायुक्त संस्था की शुरुआत की थी लेकिन मुख्यमंत्री को इसके दायरे से बाहर रखा गया था। सरकार के इस निर्णय को अन्ना हजारे की जीत माना जा रहा है। एक अन्य फैसले में, मंत्रिपरिषद ने सीसीटीवी निगरानी परियोजना के तहत मुंबई में 323 करोड़ रुपये की लागत से अतिरिक्त 5625 सीसीटीवी कैमरा लगाने को मंजूरी दी।

 


 354 total views,  2 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *