राष्ट्रीय लोक अदालत में पिता पुत्र एवं पुत्रवधू के बीच के मुकदमे का निष्पादन

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में बोकारो जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह प्रधान जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश रंजना अस्थाना के निर्देश पर व्यवहार न्यायालय तेनुघाट में राष्ट्रीय लोक अदालत के संचालन के लिए 9 बेंच का गठन किया गया था।

जानकारी के अनुसार यहां आयोजित लोक अदालत के छठे बेंच पर एक पिता, उसके पुत्र एवं पुत्रवधू के बीच चले आ रहे आपसी विवाद का सुलह के आधार पर निष्पादन किया गया।

जानकारी के अनुसार पेटरवार थाना के हद में दरिद पंचायत के कोजरम निवासी बकुआ मांझी (उम्र लगभग 65 वर्ष) ने पेटरवार थाना में आवेदन देकर अपने पुत्र तथा पुतोहू पर मारपीट एवं खाना-पीना नहीं देने का आरोप लगाया था।

उक्त आधार पर पेटरवार थाना में कांड क्रमांक 81/22 दर्ज किया गया था। आरोप पत्र समर्पित होने के बाद मामला स्थानांतरित होकर तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के एसडीजेएम दीपक कुमार साहू के न्यायालय में आया।

राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों को नोटिस के माध्यम से बुलाया गया था। जहां राष्ट्रीय लोक अदालत के छठे बेंच पर एसडीजेएम दीपक कुमार साहू एवं अधिवक्ता देवदत्त तिवारी द्वारा दोनों पक्षों को समझाया बुझाया गया। जिसके बाद पुत्र को अपनी गलती का एहसास हुआ और आंखों में आंसू आ गए।

बेटा-बहु ने आश्वासन दिया कि आगे कभी ऐसी गलती नहीं करेंगे और पिता को कोई तकलीफ नहीं होने देंगे। पिता ने दोनों को आशीर्वाद दिया और कहा कि आज विश्वास हो गया कि न्यायालय में ही न्याय मिलता है। मांझी ने कहा कि न्यायालय के पहल पर ही मेरा बेटा बहु मुझे वापस मिल गया है।

उपस्थित एसडीजेएम साहू ने सुलह के आधार पर केस का निपटारा करते हुए दोनों पक्षों से आग्रह किया कि वे प्यार मोहब्बत से रहे। बुजुर्ग पिता की सेवा करें और स्वस्थ रहें।

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