जन स्वास्थ्य कल्याण समिति ने 250 जरूरतमंदो के बीच किया नये कपड़ो का वितरण

फिरोज आलम/जैनामोड़ (बोकारो)। बिहार के हाजीपुर में 16 अप्रैल को रमजान के पावन अवसर पर जन स्वास्थ्य कल्याण समिति के सौजन्य से 250 से अधिक जरूरतमंदो के बीच नये कपड़े का वितरण किया गया।

समिति के सचिव डॉ एल बी सिंह ने वैशाली जिला के हद में मदरना प्रखंड के निकट पशु अस्पताल कैंपस में नये कपड़े के वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर 250 से अधिक रहिवासियों के बीच नये कपड़ो का वितरण किया गया।

इस अवसर पर कपड़ा वितरण कार्यक्रम की अध्यक्षता और संचालन राजकीय-राष्ट्रीय सम्मान से अंलकृत दीदीजी फाउंडेशन के संस्थापक डॉ नम्रता आनंद ने की।

मौके पर डॉ एल बी सिंह ने उपस्थित जनों को रमजान की बधाई देते हुये कहा कि रमजान माह रहमत एवं बरकतों का महीना है। रमजान को नेकियों का मौसम भी कहा जाता है। इस माह में की जाने वाली इबादत का दोहरा सवाब मिलता है। ये पूरा महीना नेकी करने का और इबादत करने का है।

उन्होंने कहा कि दान-पुण्य करने के लिए रमजान से बेहतर कोई समय नहीं है। इसलिए इस मौके पर गरीबों के लिए हम जो भी कर सकें हमें करना चाहिए।हमारी कोशिश रहती है कि रहिवासियों को अधिक से अधिक मदद पहुंचायी जा सके। कोई भी जरूरतमंद यदि परेशान हो तो तत्काल उसकी सहायता करें।

उन्होंने कहा कि दूसरों के काम आना भी एक इबादत समझी जाती है। समाज के समाजिक व आर्थिक विकास के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करना होगा। समाजसेविका डॉ नम्रता आनंद ने कहा कि रमजान दान-पुण्य करने का महीना है।

यह माना जाता है कि इस दौरान किए गए दान-पुण्य का अन्य समय की तुलना में 70 गुणा अधिक सौभाग्य हासिल होता है। यह महीना समाज के गरीब और जरूरतमंद बंदों के साथ हमदर्दी का है। रमजान के दौरान लोगों ने जो भी अच्छे कार्य या अल्लाह की इबादत की उसकी सफलता के लिए ईद के दिन ख़ुशी मनाते है।

इसी प्रकार हर साल यह त्यौहार खासतौर पर इस्लाम धर्म के माननेवालो के लिए उत्साह लेकर आता है। जरूरत मंदों तक मदद पहुंचाया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज के समय में जरूरतमंद की सेवा करना ही सबसे बड़ा पुनीत कार्य है।

हर सक्षम व्यक्ति को जरूरतमंदो की सहायता करती रहनी चाहिए। सफल जीवन के लिए समाज सेवा जरूरी है। इस अवसर पर समाजसेवी ममता, शिल्पी, मोहम्मद मैनउद्दीन, डॉ शकील अहमद, अली रजा, मोहम्मद कलीम, मोहम्मद निजाम समेत कई गणमान्य मौजूद थे।

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