सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में नोवामुंडी स्थित पद्मावती जैन सरस्वती शिशु मंदिर में 15 नवंबर को बिरसा जयंती जनजातीय गौरव दिवस हर्षोल्लाह से मनाया गया। साथ हीं यहां गुरु नानक देव की जयंती मनायी गयी।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से विद्यालय कार्यकारिणी प्रबंध समिति के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष मालती लागुरी एवं प्रधानाचार्य सीमा पालित गुरु मां उपस्थित रहें। सुबह 8 बजे कक्षा चतुर्थ से दशम तक के भैया बहनों ने नगाड़ा एवं मादल लेकर पथ संचलन किया।
जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर बालक/बालिका व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम में भैया बहनों के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। बालकों की प्रतियोगिता में कक्षा अष्टम से दशम तक सैंड आर्ट में प्रथम बिस्टू बोस एवं द्वितीय आयुष गुप्ता रहे। कक्षा पंचम से सप्तम तक झारखंड का मानचित्र बनाने में प्रथम सत्यजीत प्रधान एवं द्वितीय रणवीर राउत रहे। नारियल के खोल से कप एवं तबला बनाने में शुभदीप कैबर्त एवं द्वितीय सुशांत बेहरा रहें।
जानकारी के अनुसार बालिकाओं के लिए आयोजित प्रतियोगिता में कक्षा अष्टम से दशम तक पत्ता से दोना बनाने में प्रथम लिप्सा केराई एवं द्वितीय पिंकी पुरती रही। बैग बनाने में प्रथम रानी कुमारी, द्वितीय आशिया खातुन एवं सांत्वना पुरस्कार सुमन सुलंकी को प्राप्त हुआ। कक्षा पंचम से सप्तम तक पत्ता से बड़ा दोना बनाने में प्रथम बर्षा दास एवं द्वितीय पीहू राउत रहें एवं जूड़ा बनाने में प्रथम जोया खातुन एवं द्वितीय आकांक्षा ठाकुर रहें।
साथ ही जनजातीय गौरव दिवस हेतु विद्यालय के भैया बहनों ने एक छोटा सा कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया, जिसमें मंच संचालन पिंकी पूर्ति एवं राहुल शर्मा ने किया। कार्यक्रम का उद्बोधन एवं अतिथि परिचय उक्त विद्यालय की प्रधानाचार्य सीमा पालित गुरु मां द्वारा किया गया।
इस अवसर पर गुरु मां ने अपने उद्बोधन में कहा कि बिरसा मुंडा हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने उलगुलान नामक आंदोलन की शुरुआत की और अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासी भाई बहनों के लिए उन्होंने युद्ध छेड़ दिया। कार्यक्रम में भैया बहनों ने दो आदिवासी नृत्य एवं एक आदिवासी गीत प्रस्तुत किया। साथ ही बहन संध्या नायक एवं भैया शिवा सोरेन ने बिरसा मुंडा की जीवनी पर प्रकाश डाला।
यहां कोषाध्यक्ष मालती लागुरी ने बिरसा मुंडा के महान कार्यों के बारे में बताया। आशीष वचन देते हुए अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने कहा कि बिरसा मुंडा के जीवन से हमें अन्याय के खिलाफ लड़ना सीखना चाहिए। अंत में हंसिका सन्पुरिया द्वारा शांति मंत्र प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
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