प्रहरी संवाददाता/सारण (बिहार)। सारण जिला में अद्यतन 64 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय भूमिहीन हैं। इन भूमिहीन विद्यालयों को स्कूल भवन निर्माण के लिए भूमि की सख्त दरकार है। सरकारी प्रावधानों के तहत जो भूमिदाता भूमि दान करेगा उनके नाम पर विद्यालय का नामकरण किया जायेगा।
बिहार शिक्षा परियोजना सारण ने इस बाबत 18 अक्टूबर को विज्ञप्ति जारी कर संबंधित क्षेत्रों की जनता से भूमि दान करने का अनुरोध किया है। सदन जिले के इन भूमिहीन नव सृजित विद्यालयों को भूदान करने वालों के नाम पर विद्यालय का नामकरण होगा। कहा गया है कि भवन निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराने में जन सहयोग की सहभागिता आवश्यक है।
बताया जाता है कि विद्यालय के लिए भूमि दान करने के लिए निर्धारित प्रावधानों के अनुसार प्राथमिक विद्यालय के लिए 20 (बीस) डिसमिल, मध्य विद्यालय के लिए 50 (पचास) डिसमिल तथा माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए 75 (पचहत्तर) डिसमिल भूमि दान करने वाले भूमि दाता के नाम पर अथवा वैध उत्तराधिकारी द्वारा इच्छित व्यक्ति के नाम पर विद्यालय का नामकरण किया जाएगा।
यदि पूर्व से वह विद्यालय किसी के नाम पर नहीं हो। जारी विज्ञप्ति के अनुसार उक्त माप से कम भूमि दान करने वाले का नाम विद्यालय के मुख्य द्वार के बगल में शिलापट्ट पर अंकित किया जायेगा।इसके साथ ही संविलियन मुक्त होने के बाद 20 अन्य विद्यालयों के लिये भूमि की आवश्यकता है।
विभाग द्वारा कहा गया है कि सारण जिला में शिक्षा व्यवस्था की सुदृढ़ीकरण के लिए प्रत्येक वसावट के पोषक क्षेत्र अन्तर्गत बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई नये प्राथमिक विद्यालय स्थापित किये गये हैं। उन प्राथमिक विद्यालयों को भूमि मुहैया एवं भवन का निर्माण राज्य सरकार द्वारा किया गया है।
अभी भी कई नवसृजित प्राथमिक विद्यालयों के लिए भूमि उपलब्ध नहीं हो पाई है। साथ ही पुराने प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में पर्याप्त भवन की कमी है। इसी प्रकार जिले के प्रत्येक पंचायतों में मध्य विद्यालय को उच्च माध्यमिक विद्यालय के रूप में उत्क्रमित/नवस्थापित किया गया है।
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