प्रहरी संवाददाता/बोकारो थर्मल (बोकारो)। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव और अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव कॉमरेड अतुल कुमार अंजान का 3 मई को निधन हो गया। उनके निधन से बोकारो थर्मल में उनके साथियों में शोक की लहर देखा जा रहा हैं।
कॉ अतुल अंजान के निधन पर भाकपा बेरमो अंचल परिषद सचिव ब्रज किशोर सिंह, मोहम्मद शाहजहाँ, जानकी महतो, रामेश्वर साव, अशीम तिवारी, मनिरुद्दीन, नवीन कुमार पाठक, राज किशोर प्रसाद सिंह, शिवराम शर्मा, सत्यजीत राय, पप्पू शर्मा आदि ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
इस अवसर पर कॉ ब्रज किशोर सिंह ने कहा कि कॉ अतुल अंजान ने अपने राजनीतक जीवन की शुरुआत वर्ष 1977 में आपातकाल के दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय से की थी। जहाँ वे छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गये थे।
बेवाक वक्ता होने के कारण राष्ट्रीय राजनीति के साथ साथ वामपंथी राजनीति में भी उनकी एक अलग पहचान थी। सिंह ने बताया कि 70 वर्षीय कॉ अंजान पिछले चार-पाँच माह से बिमार चल रहे थे। लखनऊ के एक अस्पताल मे वे भर्ती थे, जहाँ उन्होंने 3 मई को अन्तिम सांस ली।
कॉ सिंह ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक हालात में कॉ अंजान का नहीं रहना किसान आन्दोलन ही नहीं बल्कि, देश की राजनीति के लिये भी भारी क्षति है। देश के किसानों के हक और अधिकार की लड़ाई में वे हमेशा अग्रिम पंक्ति मे खड़े रहते थे। उनके बताये मार्ग पर चलकर संगठन को आगे बढ़ाने की जरुरत है। यही उनके प्रती सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
वही सीपीएम ने भी भाकपा राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान के निधन पर शोक जाहिर किया है। इसे भारतीय राजनीति की अपूरणीय क्षति कहा है। सीपीएम के बोकारो जिला सचिव सह राज्य कमिटी सदस्य भागीरथ शर्मा ने कहा कि कॉ अतुल एक जन आवाज तथा बेबाक वक्ता थे। उनकी आवाज की कमी दशकों तक खलती रहेगी। उन्होंने सीपीएम जिला कमिटी की ओर से श्रद्धांजली व्यक्त की है।
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