फिरोज आलम/जैनामोड़ (बोकारो)। बिहार की राजधानी पटना के मध्य विद्यालय सिपारा की बच्चियों के बीच मेहंदी कंपटीशन का आयोजन किया गया। उक्त आयोजन राजकीय सम्मान प्राप्त शिक्षिका डॉ नम्रता आनंद के मार्ग दर्शन में किया गया।
विद्यालय में आयोजित मेहंदी प्रतियोगिता में छात्राओं ने उत्साह पूर्वक भाग लेते हुए एक से बढ़कर एक सुंदर मेहंदी डिजाइन की। इस अवसर पर छात्राओं ने अपने हाथों को मेहंदी के खूबसूरत और आकर्षक डिजाइनों से सजाया।
इस अवसर पर डॉ नम्रता ने बताया कि भारतीय संस्कृति त्योहारों में मेहंदी का बड़ा महत्व है। मेहेंदी एक ऐसी कला है, जो दूसरों के हाथों में ज्यादा रंग बिखेरती है। खुद पिसकर औरों को रंगीन और सुंदर करना मेहंदी सिखाती है। उन्होंने कहा कि मेहंदी नारी श्रृंगार का एक अभिन्न अंग है, जिसके बिना हर रीति-रिवाज अधुरा माना जाता है।
उन्होंने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएं बच्चों में उत्साह व उल्लास का संचार करती है। इस तरह की प्रतियोगिता करने का उद्देश्य अपने कार्य में कुशलता लाने के लिये प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करना है। प्रतिभागियों में रचनात्मकता का विकास होता है और प्रतिभागी अपने कार्य को आकर्षक दिखाने के लिए नये नये प्रयोग करते हैं, जिससे उनकी क्षमता का विकास होता है।
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों ने मेंहदी प्रतियोगिता के मेधावी छात्रों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया। यहां विद्यालय के प्रधानाध्यापक कृष्ण नंदन प्रसाद सहित विद्यालय के सभी शिक्षक मौजद थे।
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