एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। लेखक, निर्देशक व् चर्चित कलाकार मनीष महिवाल द्वारा बिहार दिवस के अवसर पर बिहार की राजधानी पटना स्थित प्रेमचंद रंगशाला में 23 मार्च को नाटक नाट्य शिक्षक की बहाली का मंचन किया गया।
लोक पंच की प्रस्तुति नाट्य शिक्षक की बहाली कथासार के अनुसार प्रस्तुत नाटक के माध्यम से यह बताने की कोशिश की गयी है कि बिहार में नाट्य शिक्षक की बहाली हो और हमारे नाटक के साथ जनता का जुड़ाव और सहयोग महत्वपूर्ण है।
प्रस्तुत नाटक में रंगकर्मियों के संघर्ष को दिखाया गया है। जिसमें एक रंगकर्मी के जीवन के उस पहलू को उकेरा गया है, जहाँ वह पढ़ाई के बाद भी अपने परिवार और समाज में उपेक्षित है।
उन्हें स्कूल, कॉलेज में एक अदद नाट्य शिक्षक की नौकरी भी नहीं मिल सकती, क्योंकि यहां नाटक के शिक्षकों की बहाली का कोई नियम नहीं है। इस मुखर सवाल पर आकर उक्त नाटक दर्शकों के लिए रंगकर्मियों के जीवन संघर्ष से जुड़ा निम्न सवाल भी छोड़ जाता है।
नाटक की समाप्ति के बाद स्मृति चिन्ह देकर व ताली बजाकर दर्शक उन्हें सम्मानित करते हैं। यही रंगकर्मी जब अपने घर पहुंचते हैं, तो घर में इन से बेहूदा किस्म के प्रश्न पूछे जाते हैं। क्या कर रहे हो? नाटक करने से क्या होगा? लोग तुम्हें लौंडा कहते हैं। नाचने वाला कहते हैं। यह सब करने से रोजी-रोटी नहीं चलेगा। कोई अच्छी घर की लड़की का हाथ तक नहीं मिलेगा।
इस तरह के अनगिनत ताने रंगकर्मियों को सुनने पड़ते हैं। फिर भी रंगकर्मी यह सब सहने के बावजूद रंगकर्म करते रहते हैं। नाटक के माध्यम से रंगकर्मी मांग करते हैं कि स्कूल और कॉलेजों में नाट्य शिक्षक की बहाली हो। साथ हीं दर्शक का साथ हो।
प्रस्तुत नाटक में प्रमुख कलाकार की भूमिका में मनीष महिवाल, प्रियंका सिंह, मिताली, रजनीश पांडेय, अरबिंद कुमार, रोहित कुमार, अजित, कृष्ण यादव, राम प्रवेश, अभिषेक राज आदि ने किरदार निभाया है। नाटक के लेखक एवं निर्देशक मनीष महिवाल हैं।
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