एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला ऐसोसिएशन (ऐपवा) के राज्यव्यापी अभियान सावित्रीबाई फुले एवं फातिमा शेख की जयंती 3 से 9 जनवरी तक को केंद्र कर 8 जनवरी को समस्तीपुर जिला के हद में ताजपुर प्रखंड के फतेहपुर में जयंती मनाई गयी। इस अवसर पर ऐपवा कार्यकर्ताओं द्वारा फुले- फातिमा की तस्वीर पर माल्यार्पण के बाद उनके कृतित्व का सामूहिक पाठ कर जयंती मनाई गई।
मौके पर उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए ऐपवा समस्तीपुर जिलाध्यक्ष बंदना सिंह ने कहा कि आज भी महिलाओं को दोयम दर्जे का नागरिक समझा जाता है। बेटे- बेटियों की शिक्षा में अंतर किया जाता है। घर से बाहर तक, खेत से कल-कारखाने तक महिलाओं का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक ही काम का पुरूषों को अधिक तो महिलाओं को कम मजदूरी दिया जा रहा है।
कहा कि आज तमाम सरकारी तामझाम के बाबजूद महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। उन पर हत्या, अपराध, दुष्कर्म, दमन, उत्पीड़न की घटनाएं घट रही है। शिकायत करने पर एक ओर उन्हें उत्पीड़क तंगो तबाह करने लगते हैं, दूसरी ओर उल्टे पुलिस प्रशासन भी उन्हें प्रताड़ित करते है। महिलाओं से संबंधित विकास योजना हो या कल्याणकारी योजना, सब भ्रष्टाचार के गिरफ्त में है।
जिलाध्यक्ष सिंह ने कहा कि बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली नीतीश- मोदी की राज्य एवं केंद्र सरकार में महिलाओं को कोई सुनने वाला नहीं है। आशा, रसोईया, जीविका, सेविका, ममता आदि को न्यूनतम मजदूरी भी सरकार नहीं दे रही है। बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ का फंड लौट रहा है। ऐसी स्थिति में संघर्ष की विरासत सावित्रीबाई फुले एवं फातिमा शेख के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रेरणा लेकर महिला हित के लिए संघर्ष तेज करना होगा।
इस अवसर पर एक प्रस्ताव पारित कर आगामी 9 जनवरी को पटना के गांधी मैदान में भाकपा-माले द्वारा आहूत बदलो बिहार महाजुटान रैली को बड़ी भागीदारी से सफल बनाने की घोषणा की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुलेख कुमारी ने की। यहां ललिता देवी, कौशल्या देवी, रामपरी देवी, भाकपा माले पंचायत सचिव मनोज कुमार सिंह, माले ताजपुर प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह समेत कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं।
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