ऑस्ट्रेलिया में भारत की ऐतिहासिक जीत

साभार/ मेलबर्न। महेंद्र सिंह धोनी की सीरीज में लगातार तीसरी हाफ सेंचुरी और केदार जाधव की उनकी 121 रनों की साझेदारी की मदद से भारत ने ऑस्ट्रेलिया को मेलबर्न वनडे में 7 विकेट से हराकर तीन मैचों की सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली है। यह पहला मौका है जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया में कोई द्विपक्षीय वनडे सीरीज जीती हो। भारत ने टॉस जीतकर इस निर्णायक मैच में ऑस्ट्रेलिया को बल्लेबाजी का न्योता दिया। युजवेंद्र चहल के छह विकेटों की बदौलत भारत ने मेजबान टीम को 48.4 ओवर में 230 पर ऑल आउट कर दिया। जवाब में टीम इंडिया ने 49.2 ओवर में 231 रन बनाकर मैच और सीरीज अपने नाम की।

ऑस्ट्रेलियाई बोलर्स ने शुरू से ही भारत पर दबाव बनाए रखा। रोहित शर्मा 17 गेंदों पर 9 रन बनाकर आउट होने वाले पहले बल्लेबाज रहे। टीम का स्कोर तब 6 ओवर में 15 रन था। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरे कप्तान विराट कोहली ने शिखर धवन के साथ मिलकर भारतीय पारी को पटरी पर लाने का काम किया। दोनों ने मिलकर दूसरे विकेट के लिए 45 रन जोड़े लेकिन इसके लिए उन्होंने 10.2 ओवर खेले। धवन 46 गेंदें खेलकर 23 रन बनाकर मार्कस स्टॉयनिस की गेंद पर उन्हीं को कैच थमा बैठे। उन्होंने अपनी पारी में तीन चौके लगाए।

कोहली का साथ देने महेंद्र सिंह धोनी उतरे। कोहली और धोनी ने तीसरे विकेट के लिए 54 रनों की साझेदारी की लेकिन ये दोनों बल्लेबाज भी रनगति को रफ्तार नहीं दे पाए। दोनों ने ये रन जोड़ने के लिए 13.4 ओवर बल्लेबाजी की।

ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा। विकेट पर स्ट्रोक खेलना आसान नहीं लग रहा था और कंगारू बोलर्स ने भारतीय बल्लेबाजों को हाथ नहीं खोलने दिए। कोहली जाय रिचर्डसन की गेंद पर विकेट के पीछे एलेक्स कैरी के हाथों लपके गए। उन्होंने 62 गेंदों पर तीन चौकों की मदद से 46 रन बनाए।

महेंद्र सिंह धोनी ने एक छोर जरूर संभाले रखा लेकिन वह बड़े शॉट्स नहीं खेल पा रहे थे। ऐसे में उन्हें केदार जाधव का साथ मिला। जाधव ने शुरुआत में जमने में वक्त लिया लेकिन बाद में उन्होंने हाथ दिखाए और भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने भी हाफ सेंचुरी लगाई।

इससे पहले, लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल (42 रन पर छह विकेट) की फिरकी के जादू से भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 48.4 ओवर में 230 रन पर आउट कर दिया। सीरीज में अपना पहला मैच खेल रहे चहल ने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 10 ओवर में 42 रन देकर छह विकेट लिए। उनका पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन साउथ अफ्रीका के सेंचुरियन में 22 रन पर पांच विकेट था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में किसी भारतीय गेंदबाज की सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी की। इससे पहले अजित अगरकर ने भी इसी मैदान पर 42 रन देकर छह विकेट लिए थे। यह इस मैदान पर किसी विदेशी गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। अगरकर ने 2004 में त्रिकोणीय सीरीज में यह प्रदर्शन किया था। चहल के अलावा भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी ने भी दो-दो विकेट लिए।

ऑस्ट्रेलिया के लिए पीटर हैंड्सकॉम्ब ने 58 रन की पारी खेली। टॉस जीतकर भारत ने फील्डिंग का फैसला किया लेकिन खराब मौसम के कारण खेल दस मिनट देर से शुरू हुआ। ऑस्ट्रेलियाई पारी में दो गेंद डालने के बाद ही खेल एक बार फिर 20 मिनट के लिए रोकना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया की शुरूआत खराब रही। पारी के तीसरे ओवर में ही भुवनेश्वर कुमार ने सलामी बल्लेबाज एलेक्स कैरी (05) को स्लिप में खड़े कप्तान विराट कोहली के हाथों कैच कराकर पवेलियन भेजा। कप्तान आरोन फिंच की खराब फॉर्म इस मैच में भी जारी रही जो 14 रन बनाकर भुवनेश्वर का दूसरा शिकार बने।

नौवें ओवर में 27 रन पर दोनों सलामी बल्लेबाजों का विकेट खोने के बाद उस्मान ख्वाजा (34) और पिछले मैच में शतकीय पारी खेलने वाले शॉन मार्श (39) ने टीम के स्कोर को 100 तक पहुंचाया। चहल ने पारी के 24वें ओवर में दोनों का विकट झटककर मैच पर भारत की पकड़ मजबूत कर दी। इस ओवर की पहली गेंद पर धोनी ने मार्श को स्टंप किया जबकि चौथी गेंद पर ख्वाजा चहल को ही कैच दे बैठे। हैंड्सकॉम्ब ने इसके बाद अर्धशतकीय पारी खेली लेकिन दूसरे छोर से उन्हें अच्छा साथ नहीं मिला। मार्कस स्टोइनिस 10 रन बनाकर चहल का तीसरा शिकार बने। उनका कैच स्लिप में खड़े रोहित शर्मा ने पकड़ा।

ग्लेन मैक्सवेल ने इसके बाद तेजी से रन बनाने की कोशिश और उन्होंने चहल के खिलाफ आक्रामक रूख अख्तियार करते हुए तीन चौके भी लगाये लेकिन शमी की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में वह भुवनेश्वर कुमार को कैच थमा बैठे। हैंड्सकांब ने 42वें ओवर में चहल की पांचवी गेंद पर एक रन लेकर अपना अर्धशतक पूरा किया। यह मौजूदा सीरीज में उनकी दूसरी अर्धशतकीय पारी है। उन्होंने जाय रिचर्डसन (16) साथ स्कोर को 200 के पार पहुंचाया।

चहल ने हालांकि रिचर्डसन का विकेट लेकर दोनों की 45 रन की साझेदारी को तोड़ा। हैंड्सकांब भी इसके बाद ज्यादा रन नहीं जोड़ पाये और चहल के पांचवें शिकार बने। पगबाधा आउट होने से पहले उन्होंने 63 गेंद में पांच चौके की मदद से 58 रन बनाए। चहल ने इसके बार एकदिवसीय में पदार्पण कर रहे विजय शंकर के हाथों कैच कराकर एडम जम्पा (08) को पविलियन भेजा। शमी ने बिली स्टोनलेक को बोल्ड कर ऑस्ट्रेलियाई पारी का अंत किया। भारत ने मैच के लिए टीम में तीन बदलाव किए। हरफनमौला शंकर एकदिवसीय में पदार्पण किया, उन्हें मोहम्मद सिराज की जगह टीम में शामिल किया गया।

 


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