700 एकड़ के महल से रोहतक जेल तक का सफर

नई दिल्ली। यौन शोषण मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने राम रहीम को दोषी करार दिया है। कोर्ट सजा का ऐलान 28 अगस्त को करेगा। डेरा समर्थक उग्र हिंसा कर रहे हैं। अब तक 30 लोगों की मौत हो गई है जबकि 250 लोग घायल हो गए। पुलिस ने 1000 से ज्यादा समर्थकों को गिरफ्तार किया है।

क्या है पूरा मामला?

बताते चलें कि डेरा सच्चा सौदा की स्थापना 1948 में शाह मस्ताना महाराज ने की थी। शाह सतनाम महाराज इसके प्रमुख बने और उन्होंने 1990 में संत गुरमीत सिंह को गद्दी सौंप दी। संत गुरमीत श्रीगंगानगर (राजस्थान) के गांव गुरुसरमोडिया के रहने वाले हैं।

अप्रैल 2002- राम रहीम की अनुयायी एक साध्वी ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को एक शिकायत भेजी थी। साध्वी ने शिकायत में राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। इसमें बताया गया कि कैसे बाबा ने उसके और डेरा से जुड़ी दूसरी साध्वियों के साथ बलात्कार किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साध्वी ने लिखा कि बाबा ने उसे रात में अपने कमरे में बुलाया, जहां टीवी में पोर्न फिल्म चल रही थी और बिस्तर पर रिवाल्वर रखी हुई थी। बाबा ने साध्वी को डरा-धमकाकर उसके साथ बलात्कार किया। साध्वी ने आरोप लगाया था कि बाबा ने उसके साथ तीन सालों तक बलात्कार किया। इतना ही नहीं राम रहीम ने 30-40 दूसरी महिलाओं का भी यौन-शोषण किया।

मई 2002- शिकायती पत्र को तस्दीक करने की जांच का जिम्मा सिरसा के सेशन जज को सौंपा गया।

दिसंबर 2002- शिकायत सही पाए जाने के बाद राम रहीम के खिलाफ धारा 376, 506 और 509 के तहत केस दर्ज किया गया था।

2002 में पहली हत्या

  • 10 जुलाई 2002 को सच्चा डेरा सौदा के ही मेंबर रंजीत सिंह की हत्या हुई।
  •  23 अक्टूबर 2002 को ‘पूरा सच’ अखबार के एडिटर की हत्या कर दी गई।
  • ‘पूरा सच’ के एडिटर राम चंद्र छत्रपति की हत्या इसलिए कर दी गई क्योंकि उसने बाबा के रेप की खबर को प्रकाशित किया था।
  • राम रहीम पर इन दोनों हत्याओं का आरोप लगा।
  • राम रहीम रेप के चार्ज से मना करते रहे और खुद को ‘फिजिकल रिलेशन’ के लिए अनफिट बताया।

दिसंबर 2003- इस केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई. जांच अधिकारी सतीश डागर ने केस की जांच शुरू की और साल 2005-2006 में उस साध्वी को ढूंढ निकाला, जिसका यौन शोषण हुआ था।

जुलाई 2007- सीबीआई ने केस की जांच पूरी कर अंबाला सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। अंबाला से केस की सुनवाई पंचकूला शिफ्ट कर दी गई।
चार्जशीट के मुताबिक, डेरे में 1999 और 2001 में कुछ और साध्वियों का भी यौन शोषण हुआ, लेकिन वे मिल नहीं सकीं।

अगस्त 2008- केस का ट्रायल शुरू हुआ और डेरा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ आरोप तय किए गए।

साल 2011 से 2016- केस का ट्रायल चला। डेरा प्रमुख राम रहीम की ओर से वकील लगातार जिरह करते नजर आए।

जुलाई 2016- केस की सुनवाई के दौरान 52 गवाह पेश किए गए, इनमें 15 प्रॉसिक्यूशन और 37 डिफेंस के थे।

जून 2017- कोर्ट ने डेरा प्रमुख के विदेश जाने पर रोक लगा दी।

25 जुलाई 2017- सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में हर रोज सुनवाई करने के निर्देश दिए ताकि जल्द फैसला सुनाया जा सके।

17 अगस्त 2017- दोनों पक्षों की ओर से चल रही जिरह खत्म हुई और फैसले के लिए 25 अगस्त की तारीख तय की गई।

 319 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *