एक राजनेता की जेल यात्रा, सैकड़ो गाड़ियों के काफिले के साथ न्यायालय में सरेंडर

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिला के हद में लालगंज विधानसभा के पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या में आजीवन कारावास की सजा के लिए 16 अक्टूबर को पटना जिला कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया।

जानकारी के अनुसार आत्मसमर्पण के लिए पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला सुबह साढ़े ग्यारह बजे मुजफ्फरपुर स्थित नया टोला आवास से सौ से अधिक गाड़ियों का कफिला पर अपने समर्थको के साथ निकले। उनके समर्थको का कफिला पटना तक साथ गया। शुक्ला को कोर्ट में पेशी के बाद बेउर जेल भेज दिया गया।

विदित हो कि, 26 वर्ष पहले बिहार के राबड़ी देवी मंत्रिमंडल के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) परिसर में हमलावरों ने एक-47 रायफल से फिल्मी अंदाज में हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में उनके बॉडीगार्ड और एक अन्य सहयोगी भी मारा गया था।

उक्त हत्याकांड में यूपी के गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला का नाम सामने आया था, जिसे यूपी पुलिस ने गाजियाबाद में 23 सितंबर 1998 में एनकाउंटर कर ढेर कर दिया। इस हत्याकांड में बाहुबली सूरजभान सिंह, विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला, राजन तिवारी, कैप्टन सुनील सिंह, मंटू तिवारी, राम निरंजन चौधरी, शशि कुमार राय, ललन सिंह का नाम साजिश कर्ता के रूप में आया।

इस हत्याकांड के बाद राबड़ी देवी की सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपा। मामले का पटना जिला न्यायालय में मुकदमा चला। इस मुकदमे में सूरजभान सिंह, मुन्ना शुक्ला, राजन तिवारी, मंटू तिवारी सहित आठ अभियोगी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जिसे पटना उच्च न्यायालय ने सभी आठों अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। उच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध सीबीआई और बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी सांसद रामा देवी ने उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की थी।

उच्चतम न्यायालय में इस मामले की सुनवाई के बाद पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को निम्न न्यायालय द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा और अन्य अभियुक्तों को बरी कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को 15 दिनों के अंदर न्यायालय में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया। इसी क्रम में 16 अक्टूबर को पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला ने पटना जिला न्यायालय में आत्म समर्पण कर दिया। इसके बाद उन्हें बेउर जेल भेज दिया गया।

ज्ञात हो कि, 90 के दशक में बिहार में राजद की जो सरकार लालू और राबड़ी देवी के नेतृत्व में गठित हुई। उस दौरान बिहार में बहुत से बाहुबली का पदार्पण हुआ। मुन्ना शुक्ला भी उत्तर बिहार के एक दबंग राजनेता के रूप में प्रतिस्थापित हुए। शुक्ला का अपने जाति और समाज में भी वर्चस्व रहा।

अभी हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के पूर्व मुन्ना शुक्ला राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हुए और वैशाली लोकसभा का चुनाव लड़ा, जिसमें उनकी पराजय हुई। चुनाव में हार जीत के बाद भी मुन्ना शुक्ला का मुजफ्फरपुर और वैशाली जिले में दबदबा कभी कम नहीं हुआ। बीते 15 अक्टूबर को लालगंज में भी अपने समर्थको से मुन्ना शुक्ला ने भेंट किया। शुक्ला के जेल जाने से उनके समर्थकों और आरजेडी में मायूसी देखी जा रही है।

 207 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *