स्विचऑन द्वारा प्रेस क्लब रांची में डॉक्टर्स प्रेस वार्ता का आयोजन

राष्ट्रीय प्रदूषण रोकथाम दिवस की पूर्व संध्या पर डॉक्टरों ने जारी की स्वास्थ्य सलाह

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस की पूर्व संध्या पर 2 दिसंबर को स्विचऑन फाउंडेशन द्वारा झारखंड की राजधानी रांची स्थित प्रेस क्लब में डॉक्टर्स प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। आयोजित प्रेस वार्ता में क्षेत्र के कई प्रमुख चिकित्सको द्वारा वायु प्रदूषण और जनता पर इसके हानिकारक प्रभावों पर चिंता व्यक्त करते हुए महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सलाह जारी की गई।

डॉक्टर्स प्रेस वार्ता में कहा गया कि व्यवस्था को सुचारु रूप से अपनाकर आम नागरिक सहित स्कूल, कॉलेज और सरकार वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोक सकते हैं। कहा गया कि स्वास्थ्य सलाहकार कई तरीके प्रदान करता है जिससे वायु प्रदूषण के प्रभाव को रोका जा सकता है।

इसके अलावा निवारक उपायों और प्रथाओं को भी अपनाने की सलाह दी गयी, जिन्हें सर्दियों में प्रदूषण प्रभावित वातावरण के प्रहार से बेहतर तैयारी के लिए रोजमर्रा की जिंदगी में अपनाया जाना चाहिए।

झारखंड में वायु गुणवत्ता के बिगड़ते स्तर को देखते हुए, चिकित्सको ने आम रहिवासियों की भलाई तथा सुरक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाने और एहतियाती उपायों की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। प्रेस वार्ता में रांची के कई प्रमुख डॉक्टर यथा राज हॉस्पिटल से डॉ सुप्रोवा चक्रवर्ती, डॉ रश्मी कोंगारी, झारखंड कैंसर हॉस्पिटल से डॉ मनमोहन और रिम्स से डॉ सनोज कुमार शामिल हुए।

इस अवसर पर स्विचऑन फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक विनय जाजू ने कहा कि स्वास्थ्य पेशेवर वायु प्रदूषण को आपातकाल बता रहे हैं। कहा कि उक्त स्वास्थ्य सलाह कार्रवाई के लिए सामूहिक आह्वान के रूप में कार्य करती है, जो वायु प्रदूषण से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में समुदायों और नीति निर्माताओं की साझा जिम्मेदारी पर जोर देती है।

उन्होंने कहा कि नवंबर 2023 झारखंड की राजधानी रांची और धनबाद में वायु गुणवत्ता के तुलनात्मक विश्लेषण में यह पाया गया कि रांची और धनबाद के पीएम 2.5 में वृद्धि ने सीपीसीबी सीमा का उल्लंघन किया जा रहा है, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक में वृद्धि देखा जा रहा है। यह गंभीर चिंता का विषय है।

डॉक्टर्स प्रेस वार्ता में राज अस्पताल रांची के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ सुप्रोवा चक्रवर्ती ने कहा कि बीमारियों के वैश्विक बोझ के अनुसार वायु प्रदूषण दुनिया में मृत्यु दर का चौथा प्रमुख कारण है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण दुनियां भर में हर साल 90 लाख लोगों की मौते होती है।

कहा कि वायु प्रदूषण के खिलाफ यह जंग जागरूकता से ही लड़ी जा सकती है। राष्ट्रीय वायु प्रदूषण दिवस पर, हम सभी से आग्रह करते हैं कि वे पर्यावरण के प्रति सचेत रहें और अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उपाय करें।

डॉ चक्रवर्ती ने कहा कि वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य परिणाम प्रदूषण के स्तर और जोखिम की अवधि के आधार पर भिन्न होते हैं।जनसांख्यिकीय कारकों और मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियों के कारण व्यक्तियों में इन प्रभावों के प्रति संवेदनशीलता अलग-अलग होती है।

उन्होंने वायु प्रदूषण की रोकथाम के उपाय बताया जिनमें लकड़ी या कूड़ा जलाने से बचने, दूरसंचार, सार्वजनिक परिवहन, कारपूलिंग, साइकिल चलाना या पैदल चलने का विकल्प चुनना, अपशिष्ट प्रबंधन और पृथक्करण, घर और कार्यस्थल पर ऊर्जा-बचत को लागू करना शामिल है।

डॉ चक्रवर्ती ने वायु प्रदूषण से सुरक्षा के उपाय बताया जिसमें धुंध वाले दिनों में एन95 मास्क का उपयोग करने, पौध-आधारित आहार ग्रहण करना, उच्च दक्षता वाले घरेलू वायु शोधक या घर के आसपास इनडोर वायु-शुद्ध करने वाले पौधा लगाना, उच्च प्रदूषण स्तर के दौरान भाग दौर से बचना, डॉक्टर्स प्रेस वार्ता में बताया गया कि वायु प्रदूषण में संस्थान/कार्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण होता है।

इसलिए इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। साथ हीं संस्थानों को समय समय पर कार्यालय क्षेत्र में वायु प्रदूषण के स्तर और जागरूकता पर जानकारी सार्वजनिक करने की बात कही गयी।
प्रेस वार्ता में झारखंड की गंभीर वायु गुणवत्ता समस्या को साझा किया गया।

कहा गया कि यह पाया गया है कि 2023 में सर्दियों की शुरुआत दोनों शहरों, रांची और धनबाद के लिए विशेष रूप से गंभीर साबित हुई है। नवंबर माह में धनबाद में AQI स्तर 231 पर दर्ज किया गया, जबकि राजधानी रांची में थोड़ा कम 187 दर्ज किया गया है। बताया गया कि विश्लेषण से पता चला है कि धनबाद के 21 दिन के विपरीत, रांची में 19 दिनों का आक़िल स्तर अच्छा से संतोषजनक था।

डॉक्टर्स प्रेस वार्ता में झारखंड कैंसर अस्पताल रांची के ऑन्कोलॉजिस्ट व् सलाहकार डॉ मनमोहन ने कहा कि मैंने वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क और कैंसर के बढ़ते जोखिम के बीच चिंताजनक संबंध देखा है।

उन्होंने कहा कि प्रदूषित हवा में मौजूद जहरीले तत्व सेलुलर परिवर्तनों को गति दे सकते हैं, जो पर्यावरणीय जोखिम को कम करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की अनिवार्यता पर बल देता है। कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ रश्मी कोंगारी ने कहा कि वायु प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है। हमें इसके लिए तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है।

रिम्स रांची के सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सनोज कुमार ने कहा कि वायु प्रदूषण बड़ा पर्यावरणीय स्वास्थ्य खतरा है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि वायु प्रदूषण का बच्चों के स्वास्थ्य और अस्तित्व पर व्यापक और भयानक प्रभाव पर रहा है।

डॉक्टर्स प्रेस वार्ता में उपरोक्त के अलावा स्विचऑन फाउंडेशन रांची के परियोजना प्रबंधक विवेक गुप्ता, परियोजना समन्वयक महेश विश्वकर्मा, कोलकाता से आये स्विचऑन के उप महाप्रबंधक उदीप, धनबाद के समन्वयक आशीष कुमार आदि शामिल थे।

 89 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *