बांधडीह के संस्कृत शिक्षक के निधन पर शोक सभा का आयोजन

फिरोज आलम/जैनामोड़ (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में जरीडीह प्रख़ंड अन्तर्गत 1951 में स्थापित राजकृत उच्च विद्यालय बांधडीह से सेवानिवृत्त संस्कृत के वयोबृद्ध शिक्षक 96 वर्षीय रघुनंदन पांडेय का निधन लम्बी बिमारी के कारण 6 नवंबर के प्रातः काल में हो गई।

बताया जाता है कि इनके प्रयास से ही उक्त विधालय की स्थापना की गई थी। स्थापना के समय से लगातार सेवानिवृत्ति तक वे इसी विद्यालय में सेवा देने का काम करते रहें थे।
जानकारी के अनुसार स्व पांडेय का भारत की आज़ादी से पूर्व ही 1 जनवरी 1930 को जन्म हुआ था।

वे मुलतः बिहार के नालंदा जिले (Nalanda district) के रहने वाले थे। अपने शिक्षा के उपरांत वे नालंदा से बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro steel Plant) में काम करने के उद्देश्य से आये ‌‌‌‌थे। संस्कृत के प्रकांड विद्वान होने के कारण ‌‌‌‌‌क्षेत्र में पंडित जी के रूप में पूजा पाठ कराने का काम शुरू किया।

इसी तरह उन्होंने कर्मकांड के साथ साथ शिक्षक के रूप में बच्चों को पढ़ाने लगे। धीरे धीरे इनकी पहचान बढ़ी। कई लोगों के सहयोग से बांधडीह में विधालय की स्थापना किया गया। उन्होंने क्षेत्र में संस्कृत के प्रकांड विद्वान के रूप में ख्याति प्राप्त किया। इनके निधन की खबर के बाद मृत आत्मा स्वरूप शरीर से मिलने के लिए लोगों का तांता लगना शुरू हो गया।

बांधडीह शिक्षक कॉलोनी के रहिवासियों में उनके निधन की खबर सुनते ही सन्नाटा पसरा गया। सभी लोगों द्वारा उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना किया गया।

स्व पांडेय के निधन पर मुख्य रूप से बोकारो के विधायक बिऱंची नारायण, बेरमो के पूर्व विधायक योगेश्वर महतो बाटूल, आजसू पार्टी के केन्द्रीय सचिव काशीनाथ सिंह, शिक्षाविद हिमांशु कुमार महतो, रामधनी साहू, समाजसेवी टीका प्रसाद, भाजपा ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌किसान मोर्चा के झारखंड प्रदेश सचिव सह आरएसएस प्रमुख अर्जून सिंह आदि ने शोक संवेदना वयक्त किया है।

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