बिहार के कैंसर मरीजों को सरकारी सहयोग

मुंबई। मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर से बिहार सरकार के करार के बाद बिहार राज्य के मरीजों को कैंसर के इलाज पर आर्थिक सहायता मिलेगी। करार के मुताबिक बिहार की नागरिकता वाले गरीब कैंसर मरीजों को बिना सर्जरी इलाज के लिए 1 लाख रुपये और सर्जरी वाले इलाज के लिए 20 हजार रुपये देने होंगे।

कैंसर के हजारों मरीजों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने वाले परेल के टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल का नया कदम मुंबई में रहने वाले उन लाखों बिहारियों के लिए सुकून का संदेश लाया है, जिनके नाते-रिश्तेदार और इष्ठ-मित्र कैंसर के निदान और उपचार के लिए यहां आते हैं। बिहार फाउंडेशन की पहल पर टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल और बिहार सरकार के बीच सोमवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए, इसके तहत कैंसर इलाज के लिए बिहार के गरीब मरीजों को आर्थिक सहायता दी जाएगी।

करार के अनुसार बगैर सर्जरी की जरूरत वाले इलाज के लिए यह सहायता एक लाख रुपये और सर्जरी की जरूरत वाले इलाज के लिए एक लाख 20 हजार रुपये होगी। समझौते पर टाटा मेमोरियल सेंटर के निदेशक डॉ. राजेंद्र बडवे, बिहार फाउंडेशन के आर. एस. श्रीवास्तव और बिहार के निवेश आयुक्त ने हस्ताक्षर किए। विशेष अतिथि के रूप में अल्केम लेबोरेटरीज के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बी. एन. सिंह भी मौजूद थे। योजना को मूर्त रूप देने में टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल के डॉ. पंकज चतुर्वेदी का बड़ा योगदान है।

सिर्फ बिहारियों को मिलेगा लाभ
मौजूदा समय में टाटा कैंसर हास्पिटल में प्रति वर्ष आने वाले 65 हजार कैंसर रोगियों में से कम से कम एक-तिहाई अकेले उत्तर भारत से आते हैं। इनमें बड़ी संख्या बिहार में रहने वालों की है। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए मरीज का बिहार राज्य का नागरिक होना जरूरी है। उसकी पारिवारिक वार्षिक आय 25 लाख रुपये से कम होनी चाहएि। बिहार फाउंडेशन मुंबई चैप्टर के वाइस चेयरमैन अभय कुमार ने कहा कि मरीजों की सुविधा के लिए एक ई मेल आईडी mcsk.mumbai@bihar.gov.in बनाया गया है, जिस पर कैंसर मरीज संबंधित जानकारी भेज सकते हैं।

 


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