आरपीएफ की ज्यादती के खिलाफ परसाही के ग्रामीणों में आक्रोश

घटना के विरोध में चंदवा के परसाही में ग्रामीणों ने की बैठक

एस. पी. सक्सेना/लातेहार (झारखंड)। लोहरदगा आरपीएफ द्वारा लातेहार जिला के हद में चंदवा थाना क्षेत्र के परसाही (कामता) के ग्रामीणों के साथ की गई ज्यादती के खिलाफ ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। इसे लेकर 14 दिसंबर को परसाही के ग्रामीणों ने बैठक की। अध्यक्षता माकपा नेता सह पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने किया।

उक्त बैठक में बोलते हुए माकपा नेता सह पंसस अयुब खान ने कहा कि लोहरदगा की आरपीएफ ने बीते 12 दिसंबर को परसाही के दो निर्दोष महिलाओं सबीता देवी पति अर्जुन गंझु तथा सुकरमनी देवी पति गोपी गंझु को कोयला चोरी करने का आरोप लगाकर घर से खिंचकर बाहर निकाला और गाड़ी में बिठाकर अपने साथ ले गए। इस दौरान आरपीएफ ने गांव के विकलांग गोपी गंझु के साथ मारपीट भी की।

खान ने बताया कि आरपीएफ ने निर्दोष महिलाओं को रात भर थाने में रखा। दूसरे दिन 13 दिसंबर को पकड़े गए महिलाओं को छोड़ने की बात कह परिजनों को बुलाकर अपने पोस्ट पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया। आरपीएफ द्वारा किए जा रहे दुर्व्यवहार की घटना का वीडियो बनाने वाले का मोबाइल छीना। कुछ देर बाद मोबाइल वापस कर दिया।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि निर्दोष महिलाओं से पांच – पांच सौ रुपए फाईन वसुलकर छोड़ दिया गया। निर्दोष दोनों महिलाओं तथा विकलांग का आरपीएफ ने उत्पीड़न किया है। आरपीएफ पुलिस की यह हरकत पुरी तरह से अन्यायपूर्ण है।

बैठक में स्थानीय ग्रामीण गोपी गंझु ने कहा कि कोयला साइडिंग परसाही में है। प्रदुषण से ग्रामीण रहिवासी बुरी तरह प्रभावित हैं। इस लिए कोयला साईडिंग के ठिकेदार भी चुल्हा में जलाने के लिए साईडिंग से एक दो बोरा कोयला चुनकर लाने देते हैं।

चुल्हा जलानें के लिए साइडिंग से चुनकर कोयला लाकर घर में एक दो बोरा परसाही के ग्रामीण रखते हैं, लेकिन इसी कोयला को आरपीएफ, रेलवे की कोयला कहकर उनके साथ उत्पीड़न करती है। कोयला की कागज मांगकर परेशान करते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के साथ अब लोहरदगा आरपीएफ ने ग्रामीणों पर अत्याचार करने पर उतर आई है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बताया जाता है कि मारपीट, दुर्व्यवहार मामले और निर्दोष महिलाओं से फाइन वसुलने वाले दोषी आरपीएफ पर कार्रवाई की मांग आरपीएफ कप्तान से की गई है। बैठक में माकपा के वरिष्ठ नेता सह कामता पंचायत समिति सदस्य अयुब खान, द्वारीका ठाकुर, गोपी गंझु, राकेश गंझु, मुन्ना गंझु, राजू कुमार साव, सुनील तिवारी, चंद्रीका गंझु, प्रदीप गंझु, पिंटु गंझु, विशाल गंझु, आदि।

गोबिंद प्रजापति, विजय साव, संदीप गंझु, बुटन गंझु, सविता देवी, सोमरी देवी, कशीरन बीवी, आरती देवी, अजमेरुन बीवी, करमी देवी, सहमतिया देवी, सुकरी देवी, शहनाज खातून, पूजा देवी, निलम देवी, पिंकीं देवी, शांति देवी, सीमा देवी, प्रमिला देवी, अंजू देवी सहित बड़ी संख्या में महिला पुरुष शामिल थे।

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