रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान द्वारा शुभ अक्षय नवमी के अवसर पर 21 नवंबर को अमृत वृक्ष आंवला की विधिवत पूजा किया गया।
इस अवसर पर बोकारो के सेक्टर थर्ड-ई स्थित भास्कर निवास में वृक्ष-पूजन दिवस के रूप में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मौके पर संस्थान के महासचिव शशि भूषण ओझा ‘मुकुल’ ने कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रकृति का महत्व हमेशा से रहा है। जिसमें वृक्षों को देवता के रूप में पूजा जाता है।
उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज हमेशा से जानते थे कि वृक्ष ऑक्सीजन, जड़ी बूटियों सहित छाया, फल फूल प्रदान कर हमारे जीवन की रक्षा करते हैं। मान्यता है कि समुद्र मंथन के बाद जो अमृत निकला था उसकी कुछ कुछ बूंदे धरती पर जहां तहां छिटक गई। वहां वहां आंवला का वृक्ष पनपा, इसलिए इसमें अमृत का गुण पाया जाता है। इसके सेवन, पूजन एवं स्पर्श का महत्व है।
पंडित भैरवानंद मिश्र ने आज की तिथि का धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व बताते हुए कहा कि आज का किया गया पुण्य कार्य कई गुणा फलीभूत होते हैं। आंवला वृक्ष पूजन कार्यक्रम में शशि भूषण ओझा ‘मुकुल’, पं. भैरवानंद मिश्र, अनीत ओझा, बेबी मिश्रा, मनोरमा सिंह, अधिवक्ता ब्रजेश कुमार मिश्र, रीना देवी, विभा तिवारी, श्यामा पांडेय, रमा चौबे, शिलम देवी, बीरेंद्र कुमार पांडेय, राम कृपाल मिश्र, परशुराम मिश्र आदि शामिल थे।
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