साभार/ मुंबई। महानगर की एक मात्र भूमिगत मेट्रो लाइन-3 का निर्माण कार्य मॉनसून में भी गति से आगे बढ़ रहा है। गुरुवार को तीन और टनल बोरिंग मशीनों से खुदाई हुई। बता दें कि मुंबई मेट्रो-3 (कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज) का निर्माण कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। इस दौरान 33.5 किलो मीटर भूमिगत मार्ग के लिए सुरंग बनाने में 17 टनल बोरिंग मशीनों (टीबीएम) का उपयोग किया जाना है।
इससे पहले 11 मशीनों को खुदाई के लिए अलग-अलग जगहों लगाया जा चुका है। इस दौरान तीन और टीबीएम मशीनों के साफ्ट में गुरुवार स्थापित करने के बाद अब 14 मशीनें सुरंग बनाने के काम में लग गई हैं। भूमिगत सुरंग बनाने के लिए 11 मशीनों का उपयोग अलग-अलग साफ्टों से किया जा रहा था। इनसे अब तक कुल 4.5 किलो मीटर सुरंग तैयार हो चुकी है। इन दोनों टीबीएम मशीनों में से एक मशीन पैकेज-1 में स्थापित की गई, जबकि दूसरी पैकेज-3 में। दोनों मशीनों से 3 किलोमीटर की सुरंग तैयार की जाएगी। इन मशीनो का वजन 700 टन के करीब है।
मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि.(एमएमआरसीएल) के परियोजना संचालक एस.के गुप्ता ने बताया कि सुरंग बनाने के लिए कुल 17 टीबीएम मशीनों की आवश्यकता थी। मशीनों के लिए सभी प्रकार की कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है। इन तीन मशीनों के मुंबई आ जाने से कुल 14 टीबीएम मशीनें मेट्रो की सुरंग बनाने के लिए कार्यरत हो गईं हैं। अगस्त से पहले बाकी 3 टीबीएम मशीनें भी निर्धारित साफ्टों में स्थापित कर दी जाएंगी।
मेट्रो-3 की खासियत
- 33.5 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर
- तीन व्यापारिक हब कोलाबा, बीकेसी, और सीप्ज को जोड़ेगी यह लाइन
- परियोजना की लागत 23000 करोड़ रुपये
- 2023 से मुंबईकरों की सेवा में होगी उपलब्ध
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