साभार/ मुंबई। महाराष्ट्र सरकार कैदियों को परोल और जेल से छुट्टी दिए जाने का कानून अब और कड़ा करने जा रही है। नए कानून के तहत कठोर अपराधियों को परोल नहीं दिया जा सकेगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृह विभाग ने ही इसकी पहल की है। इस संबंध में नोटिफिकेशन जल्द ही जारी किया जाएगा। नए कानून में 21 तरह के अपराध में दोषियों को परोल न दिए जाने की बात कही गई है। इस लिस्ट में रेप के बाद हत्या और नशे की तस्करी के दोषियों को शामिल किया जाएगा, जो परोल के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे।
एक अधिकारी ने बताया कि पल्लवी पुरकायस्थ हत्याकांड में दोषी सज्जाद मुगल परोल पर बाहर आया था और फिर फरार हो गया था। हालांकि बाद में मुंबई पुलिस ने उसे जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद से विभाग ने एक ड्राफ्ट तैयार किया है। इसमें रेप के बाद हत्या और नशे की तस्करी के दोषियों को परोल न दिए जाने की बात है।
अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र जेल के नियमों में संशोधन करके यह ऐक्ट बनाया गया है। इसका नोटिफिकेशन जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। नए कानून के मुताबिक 21 प्रकार के दोषियों को लिस्ट में रखा गया है जिन्हें परोल नहीं मिलेगा। उन्होंने बताया कि कैदी जो हिंसा, बवाल, दंगों, विद्रोह करके भागने, नशे की तस्करी, रेप का प्रयास, रेप, हत्या जैसी गंभीर अपराधों के दोषी हैं उन्हें परोल नहीं दिया जाएगा।
इस नए कानून में विभाग पहली बार इमर्जेंसी परोल भी लाने जा रहा है। सिर्फ विदेशियों को छोड़कर दूसरे आजीवन कारावास के दोषियों को दादा, दादी, मां, पिता, पत्नी, बेटे, बेटी, भाई और बहन की मौत पर या बेटे, बेटी, भाई और बहन की शादी पर 14 दिन की परोल दी जा सकेगी। इमर्जेंसी परोल में परोल का समय किसी भी हाल में नहीं बढ़ाया जाएगा।
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