झारखंड में बांग्ला भाषा उपेक्षित-श्यामल सरकार

सरकार मांगों का शीघ्र निष्पादन नहीं किया तो आर पार की लड़ाई-सुजीत घोष

एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। झारखंड बंगाली एसोसिएशन बेरमो अनुमंडल के द्वारा बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में बोकारो थर्मल स्थित नेताजी सुभाष बोस उद्यान में 21 फरवरी को प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस अवसर पर बड़े पैमाने पर बंगाली परिवार के लोग उपस्थित थे।

प्रेस वार्ता में एसोसिएशन (Association) के प्रदेश अध्यक्ष श्यामल कुमार सरकार ने कहा कि झारखंड में लगातार बांग्ला भाषा की अनदेखी की गई है। जबकि बांग्ला भाषा राज्य के सभी जिलों में बोली जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य (State) में आबादी के हिसाब से 43.3 प्रतिशत लोग बांग्ला भाषा बोलते हैं। सरकार ने जो सूची जारी की है उसमें 11 जिले में ही बंगला भाषा का अध्यादेश जारी किया है।

जबकि पांच जिला गिरिडीह, लोहरदगा, हजारीबाग, कोडरमा तथा रामगढ़ जिले में बांग्ला भाषा लोग ज्यादा रहते हैं। लेकिन उनको क्षेत्रीय भाषा सूची में शामिल नहीं किया गया है। उनकी अनदेखी की गई है। झारखंड सरकार शीघ्र 5 जिलों में बांग्ला भाषी की सूची में शामिल नहीं करता है तो सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि बैसाखी दिवस के उपलक्ष्य पर आगामी 15 अप्रैल को रामगढ़ में बंगाली एसोसिएशन का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया। सम्मेलन में सभी जिलों से लगभग पांच सौ प्रतिनिधि भाग लेंगे।

बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief minister Hemant Soren) की कार्यशैली की भी प्रशंसा की गई। यहां महिलाओं द्वारा सांस्कृतिक बांग्ला गीत प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर झारखंड राज्य के संयुक्त महामंत्री सुजीत कुमार घोष, प्रदेश कोषाध्यक्ष पीजी सेन, आदि।

बेरमो सब डिवीजन अध्यक्ष पीके समादार, सचिव तपन बनर्जी सहित कार्तिक घोष, रंजीत मंडल, पीयूष वर्मन, सुब्रतो पॉल, सुप्रिया चटर्जी, उमाकांत आइच, सुमित चटर्जी, केके बाग, रत्ना समाद्वार, रानी चटर्जी, पॉली घोष, शर्मिला बाग, आशीष चक्रवर्ती आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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