ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। पिछले एक साल से विरोध झेल रहे तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री (Prime minister) की घोषणा पर बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में साड़म में सैकड़ों महिला-पुरुष किसान इकट्ठा हुए और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशियों का इजहार किया।
इस अवसर पर एकत्रित किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी राज्य कार्य समिति के सदस्य एवं झारखंड आंदोलनकारी इफ्तेखार महमूद ने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा किसानों के ‘हार न मानने की अदम्य साहस और स्वाभिमान का प्रमाण है।
महमूद ने कहा कि आधुनिक विश्व का इस विशालतम आंदोलन ने शर्दी, गर्मी और वर्षात को सड़कों पर बैठकर झेलते रहा। सात सौ से अधिक किसानों की शहादत हुई। गाड़ियों से कुचल कर भी मार डाले गए लेकिन आंदोलनकारी पीछे नहीं हटे।
उन्होंने कहा कि किसान विरोधी कृषि कानूनों की वापसी देश का संविधान, लोकतंत्र और अहिंसक आंदोलन की जीत है। इस अवसर पर अखिल भारतीय किसान सभा के देवानंद प्रजापति, मौजी लाल महतो, बद्री मुंडा, सुरेश प्रजापति तथा दिलगर केवट,आदि।
आदिवासी महासभा के जिला सचिव सोमर मांझी, देवीराम मांझी, आंल इंडिया तंजीम ए इंसाफ के अशरफ अंसारी, महिला कृषक बंधनी देवी, सीता देवी, रंजू देवी आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
250 total views, 1 views today