पुलिस टीम के समक्ष मृतक की पत्नी ने बताया यह शराब माफिया का कारनामा
प्रहरी संवाददाता/वैशाली (बिहार)। शराब कांड ने फिर एक बार वैशाली जिले वासियों को दहशत में जीने को मजबूर कर दिया है।
ज्ञात हो कि बिहार में शराब बंदी के बाद भी आये दिन शराब से मौत की खबर अखब़ारों की सुर्खियां बनती रही है। ऐसे में पुलिस-प्रशासन पर सवाल उठना लाजमी है।
ताजा वाकया 12 अक्टूबर की बताई जा रही है, जहां वैशाली जिला (Vaishali district) के हद में राजा पाकर थाना क्षेत्र के बैकुंठपुर ग्राम की घटना है।
जिसमें एक अधेड़ रंजीत कुमार सिंह की मौत के बाद क्षेत्र में शराब माफिया बुल बुल झा की चर्चा काफी तेज हो गई है। वहीं इस कांड में एक दूसरा युवक अमन कुमार इलाजरत बताया गया है। अमन भी शराब कांड का दूसरा जीवित और इलाजरत पीड़ित है।
घटना के बारे में प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक रंजीत कुमार सिंह थाना क्षेत्र के बैकुंठपुर गांव वार्ड नंबर 3 का निवासी है। वह पटना स्थित डीसी फ़ार्मा (DC Pharma) में गार्ड का काम करता था। मृतक के पुत्र एवं पत्नी ललिता सिंह ने बताया कि वह 10 अक्टूबर की रात पटना से ड्यूटी कर लौटे थे।
खाना खाकर दरवाजे पर ही बैठे थे कि इसी रास्ते से गांव के ही बुलबुल झा जो शराब माफिया है उसके दो बेटे कई बोरी में शराब की बोतल रखकर बसवारी की ओर जा रहा था। जिसे मेरे मृतक ने देख लिया।
बुलबुल झा को संदेह हो गया ऐसा ना हो कि पुलिस को सूचना दे दे इसलिए उनके मुंह बंद रखने के लिए उन्हें मेक डॉल नंबर वन का बड़ा बोतल जबरन पीने के लिए दिया। जिससे मेरे पति ने पी लिया। अगले दिन 11 अक्टूबर को मृतक सिंह अपनी ड्यूटी करने पटना गए, लेकिन उनकी तबीयत वहीं से बिगड़ने लगी।
उल्टी वगैरह होने लगा। जिससे वे अपने घर वापस आ गए। घर आने के बाद उनकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ने लगी। परिजन उन्हें इलाज के लिए स्थानीय चिकित्सक के पास ले गए। वहां से हाजीपुर इलाज के लिए ले जाया गया, लेकिन उनकी मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद घटना आग की तरह फैल गई।
राजापाकर थानाध्यक्ष नौशाद आलम को भी इस घटना की जानकारी हुई तथा आनन-फानन में दल बल के साथ पहुंचे तथा शव को लेकर पोस्टमार्टम हेतु सदर अस्पताल हाजीपुर भेज दिया।
मालूम हो कि बुलबुल झा पुलिस द्वारा घोषित एक शराब माफिया है। वह कई बार जेल भी जा चुका है। बीते 15 दिन पहले वह जेल से वापस आया है तथा बड़े पैमाने पर शराब बेचने का धंधा करता है। दबी जुबान ग्रामीण बताते हैं कि झा शराब माफिया का डॉन है।
पुलिस को जानकारी होते हुए भी उसके यहां छापामारी नहीं होती। घटना के बाद पुलिस बल आरोपी झा के घर एवं आसपास के बसवारी, पोखर, बगीचा आदि का गहन तलाशी लिया।
तलाशी के दौरान बागीचा से कई प्लास्टिक की बोरियों में खाली बोतले तथा होम्योपैथिक दवा एस्पीडोस्पर्मा 30 की खाली बोतलें मिली है। जानकार बताते हैं कि एस्पीडोस्पर्मा 30 दवा के सेवन से शरीर में ऊर्जा उत्पन्न होती है।
जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि बुलबुल झा इसी दवा से नकली शराब बनाकर बेचने का काम करता था। इस घटना के बाद बुलबुल झा अपने घर से फरार है। पुलिस ने उसने घर की तलाशी भी लिया तथा पूछताछ के लिए उसकी पत्नी को हिरासत में लेकर थाना में रखा है।
उधर मृतक की पत्नी द्वारा भी आरोप लगाया जा रहा है कि उसके पति को बुलबुल झा एवं उसके दोनों बेटे के द्वारा शराब पिलाकर मार दिया गया है।
घटना की सूचना पर महुआ डीएसपी पूनम केसरी, इंस्पेक्टर राजन पांडेय, थाना प्रभारी उदय सिंह के अलावा स्पेशल टीम बैकुंठपुर पहुंचकर ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी है। जिस बंसवारी का जिक्र मृतक की पत्नी ललिता सिंह ने अपने बयान में किया है।
वहां गहन तलाशी अभियान चलाया गया। तलाशी अभियान में पुलिस ने जो बरामद किया वह यह बतलाने के लिए काफी है कि मामला जो ग्रामीण दबी जुबान से बताते हैं वह पूरा सच है। शराब माफिया की कारगुज़ारी ने ही बैकुंठपुर निवासी अधेड़ 53 वर्षीय रंजीत कुमार सिंह की जान ले ली। मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
जुड़ावनपुर कांड से वैकुंठपर की घटना को जोड़कर देख रहे रहिवासी
हाल ही में शराब कांड में कई मौतों ने राघोपुर क्षेत्र के जुड़ावनपुर मे तहलका मचा दिया था। सरकार और प्रशासन के समक्ष एक गम्भीर चुनौती खड़ी हो गई थी।
वहां भी पीड़ितों ने खुलकर बयान दिया था। कांड को लेकर पुलिस काफी हलकान भी हुई थी। फिर एक बार राजा पाकर शराब कांड ने लोगों के जेहन में उक्त घटना की दहशत भरी यादों को ताजा कर दिया है।
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